सुक्खू सरकार पर संकट : वीरभद्र और सुक्खू में रहा 36 का आंकड़ा

हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। प्रदेश में सुक्खू सरकार पर सियासी खतरा मंडरा रहा है। एक तरफ जहां भाजपा द्वारा यह कहा जा रहा है कि सुक्खू सरकार ज्यादा नहीं चलेगी तो वही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सुक्खू यह दावा कर रहे है की सरकार पूरे 5 साल चलेगी। राज्यसभा चुनाव के बाद से प्रदेश में राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है।
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर मंडरा रहे इस खतरे के पीछे आखिर वजह क्या है?
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प्रदेश में हो रही इस सियासी उठा पटक के समीकरणों को सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने से जोड़कर देखा जा रहा है। 2022 में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। इसके बाद प्रतिभा सिंह, वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और मुकेश अग्निहोत्री सहित सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में था। सारी चर्चाओं के बाद अंत में मुख्यमंत्री का पद सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपा गया।
जानकारी के मुताबिक वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू में शुरू से ही 36 का आंकड़ा रहा। अब सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र गुट सुक्खू को कितना अपना पाया यह तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के लगभग 1 साल बाद अब नजर ही आ रहा है