फतेहपुर / 30 दिसम्बर / सुरेन्द्र मिन्हास
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के उपमंडल देहरा ,ज्वाली ,फतेहपुर की सरहदों से सटे पौंग जलाशय में तैयार होने बाली मछली ने अपनी पौष्टिकता कारण जहां पूरे देश में पहचान बनाई हुई है ।तो वहीं यही मछली जब उपमंडल फतेहपुर के खटियाड़ कस्बा पर तब्बे दबारा बनाई जाती है तो उसका अलग ही स्वाद होता । जिसका लुत्फ उठाने उपमंडल फतेहपुर ,ज्वाली ,नूरपुर के लोग पहुंचते हैं तो वहीं पंजाब के कस्बा तलवाड़ा ,हाजीपुर ,मुकेरियां तक के मछली के शौकीन लोग दस्तक देते हैं ।
मछली के शौकीनों की तादाद बढ़ती देख जहां उपरोक्त क्षेत्र में कई अबैध ढाबे खुल चुके हैं जिनमे कुछ चोरी -छुपे शराब भी मछली के शौकीनों को परोस रहे हैं ।तो ज्यादातर ढाबों पर मछली के शौकीन बाहर से शराब लाकर अपना लुत्फ उठाते हैं ।इस सब का परिणाम यह निकलता है कि उपरोक्त क्षेत्र की महिलाओं का शाम चार बजे के बाद घर से बाहर निकलना असम्भब हो जाता है तो वहीं आएं दिन अपराध का ग्राफ भी बढ़ता ही जा रहा है ।जिससे जहां क्षेत्र अमन -चैन पर ग्रहण लग रहा है तो वहीं आये दिन कहीं झगड़े कारण मौत हो रही है तो कहीं खटियाड़ से स्थाना रोड़ के खतरनाक मोड़ों पर दुर्घटनाओं कारण मछली के शौकीन जान गबा रहे है ।
क्षेत्र के प्रमुख समाजसेबी रमेश दत्त कालिया ,जयपाल चौधरी सहित अन्य लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि सबसे पहले कुकरमुतों की तरह खुले ढाबों का पंजीकरण चैक किया जाए इसके साथ ही किस किस के पास मछली पकाकर बेचने का लाइसेंस है और बो भी कितनी मछली का इसकी भी जांच की जाए ।साथ हो जगह -जगह मछली के बहाने शराब पीने बाले लोगों ब पीने के लिये बैठने की जगह देने बाले ढाबा संचालकों के खिलाफ भी कड़ी कारबाई की जाए ।