कोविड मामलों में वृद्धि को देखते हुए पूरे राज्य में फिजीकली या वर्चूवली लोक अदालतों का संचालन करने का निर्देश दिया।
अम्बाला / 10 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 10 अपै्रल को राजन गुप्ता, न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में वर्ष 2021 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन पूरे हरियाणा में किया। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हरियाणा के 22 जिलों और 33 उप-मण्डलों में किया गया जिसमें सिविल, अपराधिक, वैवाहिक, बैंक वसूली आदि से सम्बन्धित मामलों का निपटारा किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को एक मंच प्रदान करना है ताकि वे अपने विवादों का सौहार्दपूर्वक निपटारा कर सकें।
कोविड मामलों में वृद्धि को देखते हुए, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार लगभग पूरे राज्य में फिजीकली या वर्चूवली लोक अदालतों का संचालन करने का निर्देश दिया। कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम के लिए स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किये गये जैसे मास्क पहनना, हाथों की सफाई, सामाजिक दूरी आदि।
उपरोक्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के लिए अदालतों में हेल्प डेस्क भी स्थापित किये गये। वादकारियों/पक्षों को अदालतों में प्रवेश करने से पहले फेस मास्क पहनने और अपने हाथों को साफ करने के लिए कहा गया। वादकारियों को फेस मास्क भी वितरित किये गये। उन्हें अदालतों के अन्दर सामाजिक दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी गयी। जहॉ पर लोक अदालतों का आयोजन किया गया, वहॉ सभी निवारक उपाय किये गये।
पिछले वर्ष कोविड महामारी के कारण, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 18 सितम्बर, 2020 को हरियाणा राज्य में वीडियो कॉन्फें्रन्सिंग के माध्यम से अपनी प्रथम ई-लोक अदालत का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य वैकल्पिक विवाद के प्रभावी तंत्र के रूप में पक्षों के मामलों/विवादों को हल करना था। ई-लोक अदालत के सफल आयोजन के बाद, हालसा ने हरियाणा में दैनिक ई-लोक अदालत की ओर अपना कदम बढ़ाया, जिसका उद्देश्य विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए वादियों की मदद करना है।
लोक अदालत किसी भी अतिरिक्त लागत या शुल्क के बिना पार्टियों के मामलों की त्वरित और सहमति के अनुसार निपटान सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान विधि है। लोक अदालतों के दौरान, न्यायिक अधिकारियों और सदस्यों की अध्यक्षता में अलग-अलग लोक अदालत पीठों द्वारा सभी पूर्व विचाराधीन और अदालत में लंबित मामलों को उठाया जाता है। एम0ऐ0सी0टी0 मामलों के सम्बन्ध में लोक अदालतें बहुत सफल साबित हुई हैं।
आज अम्बाला में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत जोकि सुश्री नीरजा कुलवंत कालसन, जिला एवं सत्र न्यायधीश व अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बाला के आदेशनुसार, जिला न्यायालय, अम्बाला व सब डिवीजन नरायणगढ़ की अदालतों में आयोजित की गई। इस लोक अदालत में 2234 केसों को उठाया गया और 556 केसों को पूर्व मुकदमेंबाजी स्तर पर और न्यायालयों में लंबित मामलों का निपटान किया गया। निपटान की कुल राशि 1,40,65,429 /-रू0 है।
इस लोक अदालत में चैक संबधित मुकदमे, अपराध संबधित मुकदमे, मोटर दुर्घटना संबधित मुकदमे, पारिवारिक विवाद संबधित मुकदमे, चालान संबधित मुकदमे, व अन्य मुकदमे रखे गए। जिनमे से 12 मोटर दुर्घटना संबधित मुकदमो, 435 चालान संबधित मुकदमों, 68 चैक संबधित मुकदमों, 11 पारिवारिक विवाद संबधित मुकदमों, 20 बैंक रिकवरी से सम्बधिंत, 5 अपराधी किसम के, एक इलैक्ट्रीसिटी से सम्बधिंत व 4 दिवानी मुकद्दमों का निपटारा हुआ और रूपए 38,608 राशि चालान संबधी मुकदमो में और रूपए 71,53,280 राशि पर मोटर दुर्घटना संबधित मुकदमों का फेसला हुआ।
इसके अलावा, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हरियाणा राज्य में कोविड-19 के खिलाफ ऐहतियात और रोकथाम के लिए कई अन्य कदम उठा रहा है। हाल ही में हालसा द्वारा कोविड-19 के बारें में आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए और साथ ही उन्हें मास्क शिष्टाचार के बारें में शिक्षित करने के लिए एक कोविड जागरूकता अभियान चलाया गया।
इस अभियान के तहत, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गैर सरकारी संगठनों/सार्वजनिक एजेन्सियों/जेलों के साथ मिलकर मास्क बनाने का अभियान चला रहे हैं और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में वितरित कर रहे हैं। कोविड टीकाकरण और इसके लाभों के बारें में लोगों को अवगत कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से हालसा ने जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों के समन्वय से पारगमन और भोजन सम्बन्धित 3,50,000 प्रवासियों की मदद की। कोविड के बारें में जागरूकता पैदा करने के लिए 4,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम किये गये, जिसमें 4,40,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। 2,00,000 मास्क और सैनिटाइजर वितरित किये गये, 2700 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी, 20,000 से अधिक सैनेटरी नैपकिन वितरित किये गये, 8121 लोगों की आश्रयरूपी सहायता की गयी। 20,103 लोगों को उनके गृह-राज्यों और गृह जिलों की यात्रा के सम्बन्ध में सहायता प्रदान की गयी। 1100 फॅसे मजदूरों की सहायता की गयी। हरियाणा सरकार की योजना के तहत 162 व्यक्तियों को वित्तीय सहायता दी गयी।