ऊना / 25 जुलाई / न्यू सुपर भारत
कोरोना महामारी से प्रभावित हुए बच्चों की मदद के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इस वैश्विक महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो चुके चार बच्चों को प्रदेश सरकार मदद प्रदान कर रही है। बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत प्रभावित हुए चार बच्चों को लाभान्वित करने की औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं, जिन्होंने कोविड महामारी के कारण अपने अभिभावकों को खो दिया है।
जिला ऊना के प्रभावित इन बच्चों में तीन बालक और एक बालिका शामिल हैं। जिनमें से तीन बच्चों के पिता का पहले ही देहांत हो चुका था और उनकी माताएं ही उनका पालन-पोषण कर रही थीं। जबकि एक बच्चे की माता के देहांत के उपरांत उसके पिता देखभाल करते थे। लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 ने इन बच्चों से उनके माता-पिता दोनों छीन लिए और अब वे अनाथ व निराश्रित हो गए थे।
ऐसे में प्रदेश सरकार ने प्रभावित बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत लाकर प्राथमिकता के आधार पर त्वरित कार्यवाही अमल में लाई गई है ताकि यह बच्चे एक बेहतर जीवन-यापन कर सकें। छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना से प्रभावित हुए बच्चों के हितों को संरक्षित रखने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
प्रभावित बच्चों को बाल-बालिका सुरक्षा योजना में कवर किया गया है, जिसके माध्यम से निराश्रित बच्चों के अभिभावकों को हर बच्चे की देखभाल के लिए 2500 रुपए प्रति माह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सत्ती ने कहा कि दो हजार रुपए अभिभावक के बैंक अकाउंट में जाते हैं, जबकि बच्चे के नाम पर 500 रुपए की एफडी बनाई जाती है। सरकार की यह सहायता उसे 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रदान की जाती है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी ऐसे बच्चों के लिए ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा, इलाज व बीमा की सुविधा प्रदान करने जा रही है। बच्चे के 18 वर्ष का होने पर मासिक आर्थिक सहायता (स्टाइपेंड) और 23 वर्ष का होने पर दस लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी।
वहीं अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान जिला ऊना में 149 निराश्रित बच्चों को बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक सहायता के लिए स्वीकृति प्रदान की गई, जो अपने ददिहाल, ननिहाल या अन्य रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं। इस आर्थिक मदद से निराश्रित बच्चों को लाभ मिला है।
उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत न सिर्फ सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, बल्कि विभाग के अधिकारी नियमित अंतराल पर घरों में जाकर निरीक्षण भी करते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस सतनाम सिंह ने कहा कि सभी अनाथ और असहाय बच्चे बाल-बालिका सुरक्षा योजना योजना का लाभ ले सकते हैं।
इसके अतिरिक्त ऐसा बच्चा, जिसके पिता का देहांत हो गया हो और मां ने दूसरी शादी कर ली हो तथा जो बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हो या जिस बच्चे की मां का देहांत हो गया हो और पिता या माता-पिता दोनों जेल में हों या जिस बच्चे के माता-पिता दोनों एचआईवी पॉजि़टिव हों, इस योजना का लाभ उठा सकता है। इसके लिए नजदीकी सीडीपीओ कार्यालय अथवा जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।