November 15, 2024

कोरोना मरीज हेतु सरकार की ओर से निर्धारित प्रतिदिन चार्जिज में शामिल हैं अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं

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झज्जर / 22 मई / न्यू सुपर भारत

झज्जर जिला के निजी अस्पतालों में कोविड उपचार करवाने वाले संक्रमित मरीजों के लिए सरकार की ओर से निर्धारित किए गए प्रतिदिन के चार्जिज में अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी शामिल की हुई हैं। चार्जिज में शामिल निर्धारित स्वास्थ्य सेवाओं का यदि कोई निजी अस्पताल मरीज से अधिक चार्ज करता है तो तुरंत प्रभाव से प्रशासन हेल्पलाइन 1950 पर कॉल कर सूचना दी जा सकती है। जिलाधीश जितेंद्र कुमार ने कहा कि आपदा के इस अवसर पर किसी भी रूप से आमजन को परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन हर गतिविधि पर पूरी सजगता से नजर रखे हुए है। 

प्रतिदिन हेतु निर्धारित रेट में समय अवधि के रेट भी किए निर्धारित :  डीसी जितेंद्र कुमार ने निर्धारित प्रतिदिन अनुसार रेट की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने एनएबीएच व जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 10,000 रुपए एक दिन का निर्धारित किया है जिसमें छह घंटे से कम समय तक मरीज दाखिल होता है तो सरकार के निर्धारित प्रतिदिन के रेट में से 40 प्रतिशत, 6 से 12 घंटे तक मरीज दाखिल रहता है तो 60 प्रतिशत व 12 घंटे से अधिक दाखिल रहता है तो पूरे दिन का निर्धारित रेट लिया जाएगा।

इसी प्रकार बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड का 15,000 रुपए में 12 घंटे तक 60 प्रतिशत व 12 से अधिक समय पर निर्धारित प्रति दिन का रेट चार्ज किया जाएगा। वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड का 18,000 रुपए प्रतिदिन की दर से तय रेट अनुसार में से 12 घंटे तक 60 प्रतिशत व 12 घंटे से अधिक होने पर प्रतिदिन का निर्धारित रेट होगा। बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 8,000 रुपए में निर्धारित प्रतिदिन के रेट में से छह घंटे से कम समय में 40 प्रतिशत, 6 से 12 घंटे तक मरीज दाखिल रहता है तो 60 प्रतिशत व 12 घंटे से अधिक दाखिल रहता है तो पूरे दिन का निर्धारित रेट लिया जाएगा।

बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड का 13,000 रुपए प्रति दिन का रेट निर्धारित है जिसमें 12 घंटे तक मरीज दाखिल रहता है तो 60 प्रतिशत व 12 घंटे से अधिक समय पर निर्धारित प्रति दिन का रेट चार्ज किया जाएगा। वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड का 15,000 रुपये प्रतिदिन की दर से रेट तय किए हैं जिसके तहत 12 घंटे तक मरीज दाखिल रहता है तो 60 प्रतिशत व 12 घंटे से अधिक दाखिल रहता है तो पूरे दिन का निर्धारित रेट लिया जाएगा। ।

निर्धारित प्रति दिन के पैकेज में ये स्वास्थ्य सेवाएं रहेंगी शामिल : डीसी जितेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से कोरोना संक्रमित मरीज के निजी अस्पताल में दाखिल होने पर निर्धारित प्रति दिन के इलाज खर्च में लेबोरेटरी जांच-एक्स रे, सीटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड को शामिल किया गया है। वहीं निगरानी के दौरान दवाएं, इलाज के दौरान प्रयोग होने वाली पीपीई किट, सेनेटाइजर, मास्क व दस्ताने, डॉक्टर का विजिट शुल्क, फिजियोथेरेपी, प्रोसिजर चार्ज, डायलिसिस, इको कॉडियोग्राफी, खून अथवा प्लाज्मा चढ़ाने का शुल्क, किसी अन्य बीमारी जैसे बीपी, शुगर, हृदय रोग संबंधित इलाज भी प्रति दिन के निर्धारित रेट में शामिल हैं। 

प्रतिदिन के चार्ज में यह स्वास्थ्य सेवाएं शामिल नहीं :डीसी ने बताया कि सरकार व प्रशासन की ओर से निर्धारित किए गए प्रति दिन के चार्ज में कोविड-19 या आईएल-6 की जांच, विशेष दवा जैसे रेडेमिसीवर इंजेक्शन, यदि इलाज के दौरान किसी गर्भवती महिला की नॉर्मल या सिजेरियन डिलीवरी होती है तो उसका शुल्क भी हॉस्पिटल द्वारा अलग से लिया जाएगा। वहीं कोरोना संक्रमित बच्चे के दाखिल होने पर भी निर्धारित रेट ही लागू रहेंगे।

 हेल्पलाइन नंबर 1950 पर करें शिकायत : डीसी ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई भी अस्पताल संचालक निर्धारित रेट से अधिक रूपए लेता है तो वे जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 1950 पर शिकायत कर सकते हैं। प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के समाधान सुनिश्चित करने के लिए विशेष समाधान कमेटी का गठन किया गया है जिसमें एसडीएम झज्जर शिखा की अध्यक्षता में परिवादों की सुनवाई करते हुए समाधान किया जा रहा है। 

मानवीय मूल्यों के आधार पर सेवाएं दें निजी अस्पताल संचालक :डीसी जितेंद्र कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में निजी अस्पताल संचालक दाखिल मरीज के इलाज का खर्च निर्धारित नियमानुसार ही बनाएं और मानवीय मूल्यों के आधार पर आपदा के इस दौर में नैतिक दायित्व का निर्वहन मानवता के नाते प्रभावी ढंग से करें। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जनहित में कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मरीज के अस्पताल में दाखिल समयावधि अनुसार रेट भी निर्धारित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि जिला के निजी अस्पताल कोविड मरीजों का उपचार निरंतर कर रहे हैं। ऐसे में मरीजों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से संबंधित निजी अस्पतालों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

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