हमीरपुर / 14 जून / रजनीश शर्मा
लगता है कि हिमाचल में कांग्रेस पार्टी ने उपचुनावों में बड़सर और धर्मशाला की हार के बाद भी सबक नहीं सीखा है। टिकट आबंटन की देरी का खामियाजा हमेशा प्रत्याशी को ही भुगतना पड़ता है। इस बार भी स्थिति ऐसी ही बनती जा रही है। शुक्रवार 14 जून से देहरा , नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा उप चुनावों के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। भाजपा ने तीनों सीटों पर अपने कैंडिडेट मैदान में उतार चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है लेकिन कांग्रेस अभी पैनल बनाने में ही लगी हुई है।
हमीरपुर में पुष्पेंद्र या रोहित बेहतर प्रत्याशी
जहां तक बात हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र की है , यहां पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा और एडवोकेट रोहित शर्मा कांग्रेस के सशक्त दावेदारों में हैं। डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा तो गत 16 माह से फील्ड में उतर लोगों के काम भी कर रहे हैं। फरवरी 24 की घटनाओं के बाद तो डॉक्टर पुष्पेंद्र गंभीरता से मतदाताओं के बीच हैं। कांग्रेस के जिला प्रवक्ता एडवोकेट रोहित शर्मा अपने अटैकिंग स्टाइल के कारण हमेशा भाजपा को घेरे रखते हैं । उनकी भी जनता में अच्छी पैठ है और कई लीगल मुद्दों पर उन्होंने सरकार को संकट से बाहर भी निकाला है। सुजानपुर सीट कांग्रेस की झोली में पाने में एडवोकेट रोहित की विशेष भूमिका रही है।
कमजोर चेहरे पर दाव पड़ेगा भारी
इसके बावजूद कांग्रेस तीसरे चेहरे को टिकट के लिए आगे कर रही है। यह वही चेहरा है जो आज तक वार्ड पंच या नगर परिषद का चुनाव तक न जीत पाया। दूसरा इसी चेहरे की वजह से फरवरी माह से सरकार संकट के घेरे में चली हुई थी। बड़सर में कांग्रेस की हार की वजह भी यही चेहरा माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा के प्रभावशाली उम्मीदवार आशीष शर्मा के सामने आगर कांग्रेस उस चेहरे को मैदान में उतारती है जिसने आज तक वार्ड पंच या नगर परिषद सदस्य का चुनाव तक न जीता हो , तो कांग्रेस को बड़सर जैसे रिजल्ट के लिए तैयार रहना होगा। टिकट आबंटन में देरी और कमजोर प्रत्याशी को टिकट कांग्रेस के लिए किसी सेल्फ गोल से कम नहीं रहेगा।