फतेहाबाद / 21 मई / न्यू सुपर भारत
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना वायरस के बचाव के साथ-साथ अन्य विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नागरिकों को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में पोस्ट कोविड प्रोब्लम यानि ब्लैक फंगस आ गया है। इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करके कड़ा मुकाबला करें और सभी जिलों में ब्लैक फंगस से बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाए।
इसके लिए जिला के लिए अधिकृत मेडिकल कॉलेजों में कम से कम 20 बैड रखे, ताकि इस बीमारी के रोगी को समय पर उपचार दिया जा सके। हर अस्पताल में नोर्मल ओपीडी के साथ एक डॉक्टर बैठे, जो इसकी पहचान करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब कोविड को लेकर प्रदेश में सुधार भी हो रहा है, जिसमें रिकवरी रेट बढ़ गया है और पॉजिटिव केसों की भी संख्या घट रही है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर चल रही है, तीसरी लहर का पता नहीं आएगी या नहीं, संभावना कह सकते हैं। इससे निपटने के लिए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन मिलकर योजनाएं बनाए, जिसमें पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर बेड और दूसरी सुविधाएं सुलभ होने की बात हो, इसके लिए सरकार बजट में भी इजाफा करेगी।
उन्होंने कहा कि हर जिले में कम से कम 200 बैड का अस्पताल हो, इसके लिए पहले ही घोषणा की जा चुकी है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑक्सीजन की डिलीवरी को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह समय पर पहुंचनी चाहिए, कम से कम दो घंटे में हर हालत में पहुंच जाए। इसके लिए सामाजिक संस्थाएं पुलिस वैन और रेडक्रॉस की डयूटियां लगाई गई है, मरीज के अटेंडेंट भी अपने वाहन में ऑक्सीजन ले जा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉजिटिव केसों को पहले सात दिन के लिए किट प्राथमिकता पर पहुंचाए, सात दिन के बाद भी जरूरत अनुसार दे सकते हैं।
ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे सभी सेंटरों में जरूरी दवाईयां और थर्मामीटर जैसे उपकरण जरूर हो। ऐसे सेंटरों का निरीक्षण करने के लिए उपायुक्त प्रमुख व्यक्तियों की डयूटी लगाएं, ताकि कहीं कमी हो तो उसे दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर में अध्यापक इत्यादि की डयूटी लगाई गई है, उन्हें वैक्सिनेशन जरूर दें। जो कर्मचारी इस तरह की डयूटी करने में आना-कानी करें, उसकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में विपरीत टिप्पणी की जाए, क्योंकि आपदा के समय में सबको ड्यूटी करनी होती है, वैसे भी ये समय मानवता की भलाई करने का है। उन्होंने कहा कि डोर टू डोर सर्वे को भी स्पीड अप करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से प्राइवेट को बीपीएल के इलाज के लिए 35 हजार रुपये दिए जा रहे हंै। प्राइवेट अस्पताल में एडमिशन, डिस्चार्ज और बिल की पोर्टल पर एंट्री की जाती है, वह चेक होती रहनी चाहिए। जो बीपीएल होम आइसोलेशन में है, उनको 5 हजार रुपये की राशि आरटीजीएस से पहुंचाए।
उन्होंने कहा कि हर जिले में एक-एक कमेटी बनाई जाए, जिसमें एक आईएमए से, एक सरकारी डॉक्टर और उपायुक्त की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी शामिल हो, जो अस्पतालों में गैर आयुष्मान बीपीएल रोगियों के इलाज के लिए बिल इत्यादि की जांच करें। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने बाईपैप (छोटी मशीन) और जिलों में वेंटिलेटर की उपलब्धता पर भी उपायुक्तों से स्थिति की जानकारी ली। चंडीगढ़ से आयोजित मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मुख्य सचिव विजय वर्धन सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहे जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी ऑनलाईन जुड़े थे।
उन्होंने सुझाव दिया कि होम आईसोलेशन किट कईं जिलों में पूरी संख्या में नहीं बंट रही है, इस काम को स्पीड अप किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को कोविड और इसके ईलाज के लिए प्रबंधों की अपडेट दी।
इस मौके पर उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने कोरोना महामारी से बचाव के प्रबंधों तथा ब्लैक फंगस बीमारी की जानकारी से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जिला में कोविड को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ सामाजिक-धार्मिक संस्थाएं भी बेहतर कार्य कर रही है। जिला में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार के आदेशों की पालना में जिला में सभी अधिकारी अपने-अपने कत्र्तव्यों का पालन एक टीमवर्क की भावना से निभा रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मुनीष नागपाल, एसडीएम कुलभूषण बंसल, संयुक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त मयंक भारद्वाज, सीटीएम अंकिता वर्मा, डीडीपीओ बलजीत चहल, डीआरओ प्रमोद चहल, डीआईओ सिकंदर, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सुनीता सोखी, उपनिदेशक डीआईसी जेसी लांग्यान, जिला रेडक्रॉस सचिव नरेश झाझड़ा, रामजी लाल आदि मौजूद रहे।