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छोटी काशी महोत्सव सम्पन्न मंडयाली संस्कृति को नया फलक दे गया तीन दिवसीय महोत्सव


मंडी / 8 अक्तूबर / पुंछि मंडी की सांस्कृतिक पहचान को समर्पित तीन दिवसीय छोटी काशी महोत्सव रविवार को सम्पन्न हो गया। सांसद राम स्वरूप शर्मा ने 4 से 6 अक्तूबर तक चले इस महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता की।
इस मौके राम स्वरूप शर्मा ने छोटी काशी महोत्सव के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन व मंडीवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इसके जरिए मंडी में सांस्कृतिक संरक्षण व संवर्धन की एक नई शुरूआत हुई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का इस महोत्सव के आयोजन के पीछे यह विचार था कि इसके जरिए छोटी काशी के तौर पर विख्यात मंडी की संस्कृति तथा परम्पराओं को आगे बढ़ाया जाए । साथ ही मंडी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए कार्यक्रम आंरभ हों। सरकार मंडी शहर को आकर्षक पर्यटक स्थल बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
महोत्सव के जरिए एक शानदार आगाज हुआ है जो आने वाले समय में पर्यटन विकास में सहायक होगा और मंडी की संस्कृति, व्यंजन, परंपराओं, पहनावे और गीत-संगीत के संरक्षण व संवर्धन में मददगार होगा।
इस मौके उन्होंने महोत्सव के सफल आयेाजन में सहयोगी रहे गैर सरकारी सदस्यों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
कार्यक्रम में नगर परिषद मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर, पूर्व विधायक डीडी ठाकुर व कन्हैया लाल, उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर, अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग, सहायक आयुक्त संजय कुमार सहित अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में मंडीवासी मौजूद रहे।
मंडी की सांस्कृतिक धरोहर से करवाया रूबरू
जिला प्रशासन मंडी, भाषा एवं संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग और हिमाचल कला संस्कृृति एवं भाषा अकादमी के संयुक्त प्रयासों से 4 से 6 अक्तूबर तक मंडी शहर में चले इस आयोजन में देश-दुनिया समेत स्थानीय लोगों को मंडी की सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू करवाया गया। इसके लिए शहरभर में कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। इन कार्यक्रमों के जरिए लोगों को यहां की समृद्ध संस्कृति, कला, इतिहास और आध्यात्मिकता के विविध पहलुओं से परिचित करवाया गया।
लोगों ने की सराहना
लोगों ने अपनी समृद्ध कला-संस्कृति व पारंपरिक व्यंजनों को प्रोत्साहित करने की प्रदेश सरकार की नई पहल को खूब सराहा। छोटी काशी महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार जताया साथ ही जिला प्रशासन के प्रयासों की तारीफ की।
ये रहे मुख्य आकर्षण
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा 4 अक्तूबर को विधिवत शुभारंभ के साथ भव्य कार्निवल से शुरू हुए छोटी काशी महोत्सव में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। देवध्वनि से तरंगित माहौल में लोग पारंपरिक पहनावे में नाटी व मंडयाली नृत्य करते हुए कार्निवल में शामिल हुए।
लोगों ने तीनों दिन हुए एक से बढ़कर एक आयोजनों का भरपूर आनंद लिया।  
ब्यास महाआरती का अलौकिक अनुभव
मंडी शहर में ‘गंगा आरती’ की तर्ज पर पंचवक्त्र मन्दिर के निकट ब्यास नदी के तट पर ब्यास महाआरती के आयोजन ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। महाआरती में शामिल लोगों का भक्तिभाव देखने लायक था तथा एक आलौकिक आध्यात्मिक दृश्य देखकर सभी अभिभूत थे। काशी के पुजारियों के साथ सैंकड़ोें लोगों ने ब्यास नदी के तट पर एकत्रित होकर अपने हाथों में दीये लेकर मन्त्रोचारण किया तथा आशा और कामनाओं के प्रतीक जगमगाते मिट्टी व आटे के दीयों को ब्यास नदी में प्रवाहित किया।
मंडयाली व्यंजनों के स्वाद भरे चटकारे
छोटी काशी महोत्सव के दौरान लगाए गए फूड फैस्टिवल में लोगों ने मंडी के पारम्पारिक व्यंजनों को खूब पसन्द किया। तीनों दिन फूड फैस्टिवल में स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से रूखे भटूरू, आलू की सब्जी, झोल पकौड़ी, चिलड़ा, माह की दाल, मक्की की रोटी, कददू का खट्टा, कचौरी, भल्ले इत्यादि पारम्पारिक व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए थे। खासतौर पर समापन दिवस पर भारतीय सांस्कृतिक निधि द्वारा लगाए गए स्टॉल में मंडी के विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेेने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ी।
स्टॉल में सगोती लाडु, घयोड़, ठनस्या, भटाबरू, बकरू, कुहाणी, चरौडी, झौड़-पकोड़ी, भटुरू, पतरोडू का दम, गुल्टा, लुचिया, बाबरू, भल्ले, हरी चटनी इत्यादि पारंपरिक व्यंजनों को प्रदर्शित किया गया।
लेजर शो की धूम
महोत्सव के दौरान मंडी के इतिहास व संस्कृति को सेरी मंच पर लेजर शो के जरिए दिखाने की पहल को लोगांे खासकर युवाओं व बच्चों ने खूब पसंद किया। हर शाम 8 बजे का ये शो ‘हाउसफुल’ रहा ।
हस्तशिल्प व हस्तदस्तकारी ने भी लूटी वाहवाही
छोटी काशी महोत्सव में प्रदेश की कला व संस्कृति से रूबरू करवाने को विभिन्न हस्तशिल्प व हस्तदस्तकारी से जुड़े स्टॉल लगाए गए, जिनमें चम्बा थाल, चम्बा रूमाल, चम्बा चप्पल के साथ-साथ पहाड़ी चित्रकला इत्यादि शामिल रहे। भाषा एवं संस्कृति विभाग व   राज्य सग्रहालय शिमला द्वारा लगाए गए ये स्टॉल लोंगों के आकर्षण का केंद्र रहे। इस मौके पर्यटन विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश के पर्यटक स्थलों को प्रदर्शित करती हुई प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
मंडी कलम का बोलबाला
महोत्सव के लिए मंडी शहर की सभी महत्वपूर्ण दीवारों पर मंडी कलम की कलाकृृतियों को बेहद खूबसूरती के साथ उकेरा गया। इसने न केवल लोगों को महोत्सव बारे आकर्षित किया बल्कि मंडी कलम के प्रति भी लोगों को जागरूक बनाया। मंडी की पुरातन कला सांस्कृतिक पहचान मंडी कलम को उभारने के लिए छोटी काशी महोत्सव के दौरान इंदिरा मार्किट में मंडी कलम प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान मंडी की पुरातन चित्रकारी को जानने व सीखने के चाहवान इसका लाभ उठाया।
हेरिटेज वॉक
छोटी काशी महोत्सव के दौरान मंडी जिला प्रशासन व भारतीय सांस्कृतिक निधि के मंडी चौप्टर ने संयुक्त तत्वावधान में स्कूली बच्चों के लिए ‘हेरिटेज वॉक’ का आयोजन किया। इस दौरान उन्हें यहां के प्रमुख मंदिरों का भ्रमण करवाकर इन मंदिरों के इतिहास, वास्तु शिल्प, शैली व स्थापत्य कला, पुरातात्विक महत्व और इनसे जुड़े धार्मिक आख्यानों से अवगत करवाया गया। इसमें मंडी शहर के 10 स्कूलों के 70 बच्चों के समूह को अर्धनारीश्वर, पंचवक्त्र और त्रिलोकी नाथ मंदिर का भ्रमण करवाया गया।पतंगबाजी का लिया मजा
छोटी काशी महोत्सव के काइट फेस्ट (पतंगबाजी उत्सव) में मंडीवासियों ने पतंगबाजी का मजा लिया। पड्डल मैदान में हुए इस आयोजन में पतंगबाजी के शौकीन लोगों विशेषकर युवाओं ने पूरे उत्साह और उमंग से भाग लिया।
साहित्य और संगीत का अनूठा संगम
छोटी काशी महोत्सव में साहित्य और संगीत का अनूठा संगम देखने को मिला। इसके तहत राजकीय मंडी कालेज सभागार में साहित्य संगीत संगम समारोह और उपायुक्त सभागार में कहानी व कविता पाठ का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में साहित्यकारों व संगीतविदों ने खूब महफिल जमाई।
डंठणू, लुड्डी, चरकटी ने मोह लिया मन
महोत्सव के दौरान संकन गार्डन में आयोजित सांस्कृतिक संध्याओं में लोक संस्कृति, लोक वाद्य, गीत व संगीत की शानदार प्रस्तुतियों को लोगों ने पूरे मन से सराहा। सांस्कृतिक दलों ने बुढला, डंठणू, लुड्डी, पहिया, चरकटी और मंडयाली गिद्दा नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया।

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