शिमला / 19 अक्तूबर / एनएसबी न्यूज़
मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने आज यहां धर्मशाला में प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्ट मीट की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए कि वे इस महत्त्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कम्पनियों के सम्पर्क में रहें ताकि इंवेस्टर मीट के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा प्रमुख विदेशी कम्पनियों के साथ आयोजित होने वाली बैठकों को सफल बनाया जा सके।
डाॅ. बाल्दी ने कहा कि इस मीट में बढ़ी संख्या में विदेश व देश के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और उनके आने का मुख्य उद्देश्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर व्यापार करना है, इसलिए सम्बन्धित विभागों को आरम्भिक प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहिए ताकि समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप दिया जा सके। उन्होंने निवेशकों की सुविधा के लिए अलग से अधिकारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए ताकि निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने उद्योग विभाग को ‘बिजनेस टू गर्वनमेंट’ बैठकों की तैयारियों के बारे हर दो दिन के बाद उन्हें रिपोर्ट प्रस्तुत करें अगर किसी स्थिति में कम्पनियों से जुड़ा कोई मुद्दा होगा तो वे इसकी जांच खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि निवेशकों को यह संतुष्टि हो कि हिमाचल प्रदेश सरकार सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान कर रही है।
डाॅ. बाल्दी ने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए की वे निवेश परियोजनाओं, उपलब्ध भूमि (सरकारी व निजी), उपलब्ध प्रोत्साहन, सभी नोडल अधिकारी के नम्बर से जुड़ी जानकारी की विवरणिका बनाएं और उसे सभी निवेशकों को दें ताकि उन्हें सम्बन्धित निवेश की संभावनाओं की जानकारी उपलब्ध हो सके।
यूरोप ‘एसाकेम’ के अध्यक्ष डाॅ. विकास चतुर्वेदी जो विदेशी प्रतिनिधियों को मीट में लाने के लिए समन्वय कर रहे हंै, ने मीट के दौरान संभावित समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रमुख तौर पर कृषि, बागवानी, खाद्य प्रस्ंसकरण, अधोसंचना, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होंगे। कृषि क्षेत्र में फसल की गुणवत्ता, फसल का बचाव और किसानों का कौशल विकास के सम्भावित समझौता ज्ञापन रहेंगे। इसी तरह बागवानी क्षेत्र में ग्रीन हाउस और खाद्य प्रस्ंसकरण, कोल्ड स्टोरेज के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होंगे। उन्होंने कहा कि बुनियादी क्षेत्र में पीने के पानी तथा कूड़ा-कचरे से ऊर्जा बनाने पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे। पर्यटन क्षेत्र में रोपवे, ईको रिजाॅर्ट, इलैक्ट्रिक व्हीकल, हर मौसम में साहसिक गतिविधि केंद्र और शिमला आईस स्केटिंग रिंग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यावहारिक विज्ञान के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे।
बैठक में बताया कि प्रस्तावित बी2जी बैठकें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों जैसे यूएई, नीदरलैंड, जर्मनी, ओमान, रूस, यूएस इंडियन बिजनेस काउंसिल, वियतनाम, कम्बोडिया और मलेशिया के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित होंगी। मुख्य कंपनियां जिनके साथ बैठक किए जाने की संभावना है एमेजोन, प्रीफीजर, प्रोक्टर एंड गैम्बल आॅफ इंडिया, लू लू इंटरनेशनल, बीआरएस वैंचर्स, एम्मार प्राॅपर्टीज, ग्लोबल टेक्नोलाॅजी और कन्सलटेंसी सर्विसज, प्रो ग्लोबल लाॅजीस्टिक्स, सन्नी जनरल ट्रेडिंग एलएलसी, जाईंट ग्रुप, टीयूवी आॅस्ट्रिया, अयाना होल्डिंग, ट्वेंटी 14 होल्डिंग्स और ग्लोबल मार्केटिंग सिस्टम आॅफ संयुक्त अरब अमीरात, एयर हिमालयस एयरक्राॅप्ट और एडवेंचर्स प्रा.लि. आॅफ स्विट्जरलैंड, द लंदन स्पोर्टस सर्जरी क्लीनिक आॅफ यूनाइटिड किंगडम, एमकेएस ग्रुप, बहरैन, ड्रूजाबा नैरोडव नोवा जेएससी आॅफ रूस, ग्लोबल नेच्यूरल रिसोर्सिज आइएनसी आॅफ यूएसए और एसएसआर ग्रुप आॅफ कंपनीज आॅफ कैनेड़ा शामिल है।
इस अवसर पर, मुख्य सचिव ने डाॅ. विकास चतुर्वेदी का बैठक में अधिक संख्या में प्रतिनिधियों को लाने के लिए धन्यवाद किया और सभी सम्बन्धित अधिकारियों को डाॅ. विकास के साथ मुख्य कम्पनियों से जुड़ने के लिए सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि विदेशी और भारतीय प्रतिनिधियों को दिल्ली और चण्डीगढ़ से बैठक स्थल तक लाने के सभी आवश्यक व्यवस्था की जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू तथा विभिन्न विभागों से सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।