मुख्यमंत्री ने मण्डी के छोटी काशी महोत्सव का शुभारम्भ किया
मेले और त्यौहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजो कर रखने में अहम भूमिका निभाते हैः मुख्यमंत्री
मंडी, 4 अक्तूबर,पुंछी
मेले तथा त्यौहार भावी पीढ़ी के लिए प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं तथा लोगों में अपने देवी-देवताओं के प्रति धार्मिक आस्था की भावना भी उजागर करते हैं।मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यह बात ऐतिहासिक सेरी मंच मण्डी में आयोजित छोटी काशी महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी में काफी संख्या में मंदिर होने के कारण इस शहर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है तथा छोटी काशी महोत्सव के आयोजन से मण्डी शहर की समृद्ध संस्कृति का संरक्षण व संर्वधन करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि मण्डी का शिवरात्री उत्सव अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है तथा सांस्कृतिक विविधता तथा विशिष्टता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हमें अपनी पुरातन संस्कृति, रीति-रिवाजों व मान्यताओं को बनाए रखना है क्योंकि वही समाज फलता-फूलता है जो अपनी रीति-रिवाजों और संस्कृति को संजो कर रखता है और इसे बचा कर रखता है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, मण्डी चित्रकला, कला और शिल्प स्टॉल, ब्यास आरती, लेजर शो, खाद्य उत्सव इत्यादि विशेष आकर्षण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मण्डी शहर को आकर्षक पर्यटक स्थल बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री कहा कि यह महोत्सव मण्डी शहर की संस्कृति तथा परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा तथा छोटी काशी के गौरव के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर उत्साह और उमंग के साथ हजारों परम्परागत ढोल वादकों ने एक साथ तालबद्ध होकर वातावरण को संगीतमय बनाया।
मुख्यमंत्री ने भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित मण्डी के छोटी काशी मंदिर पर आधारित ‘आज पुरानी राहों से’ और ‘हिस्ट्री ऑफ मण्डी स्टेट’ पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं, बोर्ड तथा निगमों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया।
उपायुक्त मण्डी एवं महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष ऋग्वेद ठाकुर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य छोटी काशी मण्डी की समृद्ध सांस्कृतिक और पारम्परिक विरासत को संजोना तथा उजागर करना है। उन्होंने कहा कि गंगा आरती की तर्ज पर ब्यास आरती आयोजित की जो पंचवक्त्र मंदिर से शुरू हुई। इस महोत्सव के पहले दिन का मुख्य आकर्षण मण्डी के विभिन्न क्षेत्रों के सांस्कृतिक दल, परम्परागत लोक नृत्य तथा सिराज नाटी रही।