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हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतों के गठन का फैसला ऐतिहासिक- वीरेंद्र कंवर ***ग्रामीण विकास और पंचायतों के कार्यकलापों को अब नए आयाम मिलेंगे

नई गठित पंचायतों के लिए नए पंचायत भवनों के निर्माण के अलावा आवश्यक स्टाफ की होगी भर्ती  

आत्मनिर्भर गांव को जमीनी हकीकत देने में कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन समेत बागवानी की अहम भूमिका

तीसा(चंबा), 5 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

हिमाचल प्रदेश में 404 नई पंचायतों के गठन को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से ग्रामीण विकास को एक नई दिशा मिलने वाली है। वीरेंद्र कंवर ने यह बात आज चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत बैरागढ़ में लोगों को संबोधित करते हुए कही। इससे पूर्व बैरागढ़ पहुंचने पर क्षेत्र की 9 पंचायतों से आए ग्रामीणों ने पारंपरिक अंदाज में उनका भव्य स्वागत और आभार व्यक्त किया।वीरेंद्र कंवर ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के इस अभूतपूर्व कदम से पंचायतों की छोटी इकाइयां बनेंगी और इससे ग्रामीण विकास और पंचायतों के कार्यकलापों को अब नए आयाम मिलेंगे। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि वर्ष 2005 में 206 नई पंचायतें बनाई गई थीं उसकी अपेक्षा वर्ष 2020 में करीब दोगुनी पंचायतें अस्तित्व में आई हैं। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों की अपेक्षाओं और अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इन नई पंचायतों का गठन कर दिया है अब लोगों को जाति व धर्म से ऊपर उठकर अपने लिए सही प्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो पंचायत के समग्र विकास को सुनिश्चित कर पाने में सक्षम हो। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अब नई गठित पंचायतों के लिए नए पंचायत भवनों के निर्माण के अलावा आवश्यक स्टाफ की भर्ती भी की जाएगी ताकि नई पंचायतें  सुचारू और प्रभावी ढंग से अपने सभी कार्यों का निष्पादन कर सकें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के इस फैसले से जहां ग्रामीणों की दिक्कतों का समाधान हुआ है वहीं रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश के गांवों को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार है। जब सभी गांवों  आत्मनिर्भर बनेंगे तो ही आत्मनिर्भर भारत की जो परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है वह अवश्य साकार होगी। आत्मनिर्भर गांव को जमीनी हकीकत देने में कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन समेत बागवानी की भी सबसे अहम भूमिका है और राज्य सरकार इस पर पूरी प्राथमिकता रख रही है।

उन्होंने बताया कि ये विभाग अपनी योजनाओं और स्कीमों के कार्यान्वयन में क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करेंगे ताकि आर्थिक स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हर हाल में हासिल किया जा सके। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि बढ़ती हुई आयू प्रत्याशा के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं  के लिए पंचवटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पार्कों और बागों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। योजना के तहत तीसा क्षेत्र में भी ऐसे दो पार्क बनेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल की इस अवधि में जिन महत्वपूर्ण योजनाओं और स्कीमों को लागू किया है उनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रणाली का विस्तार, हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना, हिम केयर योजना, मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष, मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस योजना, सौर सिंचाई योजना, हिमाचल पुष्प क्रांति योजना, विभिन्न आवास योजनाओं में अतिरिक्त अनुदान, नई राहें नई मंजिलें, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना और मातृ एवं शिशु कल्याण योजना शामिल हैं। इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने चुराह विधानसभा क्षेत्र में  नई पंचायतों के गठन के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का का आभार जताते हुए कहा की इस फैसले से समूचे चुराह विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण विकास का परिदृश्य आने वाले समय में बदलने वाला है। 

इस मौके पर उपायुक्त विवेक भाटिया के अलावा एसडीएम मनीष चौधरी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण दीपक महाजन,अधिशासी अभियंता जल शक्ति केवल शर्मा,  जिला भाजपा महामंत्री वीरेंद्र ठाकुर, मंडल अध्यक्ष ताराचंद, पंचायत समिति उपाध्यक्ष बोधराज, मंडल महामंत्री मुंनयान खान व यशपाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तेज सिंह वर्मा, उपाध्यक्ष शुभम ठाकुर, युवा मोर्चा अध्यक्ष अमन राठौर, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष गोविंद सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष हुसैन मोहम्मद और कोषाध्यक्ष वीरेंद्र राणा भी मौजूद रहे।

फोटो कैप्शन- बैरागढ़ पहुंचने पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को सम्मानित करते विधानसभा उपाध्यक्ष

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