जिले में गुड गवर्नेंस की दिशा में उठाई जा रहे कदमों की होगी हर महीने समीक्षा- उपायुक्त
*एस्पिरेशनल जिला के विभिन्न मानकों का गुड गवर्नेंस के साथ भी किया जाएगा समावेश **जिला में 3.79 फ़ीसदी बढ़ी प्रति व्यक्ति आय **प्रति एक लाख की आबादी पर अब 20 डॉक्टरों की उपलब्धता **जिले में आवास सुविधाओं के डाटा को दोबारा किया जाए संकलित ***शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ड्रॉपआउट को ट्रैक करने के निर्देश ***3 दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट
चंबा / 2 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
केंद्र और राज्य सरकार की सभी प्रमुख योजनाओं और स्कीमों के प्रभावी कार्यान्वयन, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी(सीएसआर) और नीति आयोग से मिली ग्रांट, कार्य प्रगति की लगातार समीक्षा और समस्याओं के समयबद्ध समाधान को लेकर अब चंबा जिला में एस्पिरेशनल जिला योजना के मानकों के साथ गुड गवर्नेंस का समावेश भी किया जाएगा।
उपायुक्त विवेक भाटिया ने ये बात आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में वर्ष 2019-20 के दौरान गुड गवर्नेंस के विभिन्न मानकों की रिपोर्ट की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी हर महीने अलग से समीक्षा की जाएगी ताकि प्रगति और हो रहे बदलाव की निरंतर मॉनीटरिंग की जा सके। उपायुक्त ने कहा कि यह राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के बाद गुड गवर्नेंस का ही नतीजा है कि एस्पिरेशन जिला चंबा में प्रति व्यक्ति आय में 3.79 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि चंबा जिला में आर्थिक गतिविधियों में नए सोपान जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पेयजल, बिजली, महिला एवं बाल विकास के अलावा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पिछले कुछ अर्से में एक नया बदलाव और बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में चंबा जिला में प्रति एक लाख की आबादी पर 20 डॉक्टरों की उपलब्धता है जो इससे पहले 15 थी। जिला के अस्पतालों में संस्थागत डिलीवरी की दिशा में भी सकारात्मक संकेत मिले हैं। जिला में संस्थागत डिलीवरी में भी 3.17 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कुपोषण को चंबा जिला में जड़ से मिटाने के संकल्प की बात करते हुए उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को निर्देश दिए कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत मिली धनराशि का उपयोग कुपोषित बच्चों के लिए न्यूट्रीशन कीटें उपलब्ध करने के लिए हर हाल में जल्द सुनिश्चित बनाया जाए। उपायुक्त ने ये भी कहा कि जिला में अति कुपोषण, ठिगनेपन और दुबलेपन के शिकार बच्चों को चिन्हित करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक मुहिम के तौर पर इसे शुरू करें ताकि चिन्हित किए गए बच्चों को सही पोषण और अन्य सुविधाओं के माध्यम से पोषणयुक्त बनाया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि इस दिशा में जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सक्रिय तौर पर काम करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी उन्हें जिला प्रशासन द्वारा प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। जिले में विभिन्न आवास सुविधाओं के माध्यम से लोगों को आवास उपलब्ध करने पर आधारित डाटा की समीक्षा के बाद उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि डाटा को दोबारा संकलित किया जाए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक जाति सर्वेक्षण के आधार पर जो आंकड़े उपलब्ध थे उसके बाद आने वाले 9 वर्षों में भी जिला में ग्रामीण विकास विभाग के अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के तहत भी जिला के पात्र परिवारों को सैकड़ों आवास मिले हैं। ऐसे में इस डाटा को भी अंतिम संकलित रिपोर्ट में शामिल किया जाए। उपायुक्त ने समीक्षा के दौरान यह भी कहा कि प्राईमरी से एलीमेंट्री और एलिमेंट्री से उच्च कक्षाओं में जाने वाले विद्यार्थियों के ड्रॉपआउट को ट्रैक करने की अत्यंत आवश्यकता है। उपायुक्त ने शिक्षा अधिकारियों को कहा कि वे 3 दिनों के भीतर वस्तु स्थिति से अवगत करें ताकि यह पता चल सके कि जो विद्यार्थी ड्रॉपआउट हुआ वह जिला में या जिला के बाहर किसी राजकीय शिक्षण संस्थान या निजी संस्थान में पढ़ाई जारी रखे हुए हैं या नहीं। उपायुक्त ने बताया कि चंबा जिला पेयजल और बिजली की सुविधाओं के मामले में भी बेहतरीन स्थिति में है। जिले में सड़कों को पक्का करने की दर में भी 7.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, सहायक आयुक्त रामप्रसाद, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति रोहित दुबे, परियोजना अधिकारी डीआरडीए योगेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता बिजली बोर्ड पवन शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक अजय कपूर, जिला कल्याण अधिकारी नरेंद्र जरियाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जगदीश राणा, जिला सांख्यिकी अधिकारी प्रेम प्रकाश, प्रधानाचार्य डाइट राजेश शर्मा, सहायक वन अरण्यपाल रजनीशके अलावा अन्य विभागों के जिला अधिकारी भी मौजूद रहे।