ज़िला कारागार एवं सुधार गृह में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित

चंबा / 11 जून / न्यू सुपर भारत
” मानव की किसी भी समस्या का समाधान नशा नहीं है। इससे न केवल इंसान को सामाजिक ,आर्थिक और शारीरिक रूप से नुकसान ही पहुंचाता है अपितु ये शरीर और दिमाग को कमजोर कर के रोगों का पुलिंदा बनाकर उसे समय से पूर्व मृत्यु की अंधी खाई में धकेल देता है।आधूनिक समाज को सचेत करते हुए यह उदगार “जिला कारागार एवं सुधार गृह चम्बा” के सहायक अधीक्षक विशाल डोगरा ने “सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार व हिमाचल प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महत्वाकांक्षी “नशा मुक्त भारत अभियान ” के अंतर्गत राजपुरा कारागार एवं सुधार गृह के परिसर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रकट किए ।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में यह आवश्यक हो गया है कि समाज के सभी वर्ग नशे के विरुद्ध एकजुट हो जाएं ताकि भारत के भविष्य की नई पीढ़ी नशा मुक्त भारत में आंखें खोलकर देश की उन्नति और तरक्की में अपनी सहभागिता निभा सके।सहायक कारागार अधीक्षक ने आगे कहा कि ” उड़ता पंजाब के पश्चात विगत कुछ वर्षों से हिमाचल प्रदेश में भी चिट्टे जैसे अति जानलेवा नशीले पदार्थ का प्रचलन बढ़ा है । इसकी लत सीधे-सीधे मौत को दावत है। उन्होंने ये भी कहा कि यह अत्यंत सुखद अनुभव है कि प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए पुलिस विभाग पूर्ण सजगता और कर्मठता से नशा माफिया पर निरंतर शिकंजा कस रहा है।
बहुमूल्य मानव जीवन में उल्लास -उमंग के रंग भरने और शालीनता के साथ जीवन जीने की सलाह देते हुए साथ में उन्होंने सलाखों के पीछे जीवन वास्तविकता की बात भी कही। विशाल डोगरा ने इस मौके पर केंद्र व प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर चलते रहने चाहिए ताकि नशे के भ्रम जाल में लिप्त लोगों को इससे दूर रखने के प्रयास फलीभूत हो सके। विभागीय प्रतिनिधि सुरेश ठाकुर ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा नशा निवारण अभियान के अंतर्गत संचालित की जाने वाली विस्तृत गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ नशा निवारण रैलियां , कवि सम्मेलन, भाषण, नारा लेखन, चित्रकला इत्यादि प्रतियोगिताओं, के अलावा हॉर्डिंग्स के माध्यमों से भी आम जनमानस को नशे से दूर रहने का आहवान किया जाता है।इस अवसर पर विभागीय कलाकारों ने गीत संगीत और नाटक के माध्यम से नशे के बढ़ते प्रचलन व प्रवृत्ति पर गहरा प्रहार करते हुए नशा निवारण का सशक्त संदेश संप्रेषित किया। ज़िला के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं रंगकर्मी मोहम्मद अमीन शेख चिश्ती द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक “मीठा ज़हर” की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में संवदेनशील विषय को अत्यंत संजीदगी से व्यंग्य व हास-परिहास के साथ गति देते हुए नशीले पदार्थों के प्रकार, नशे से होनें वाली बीमारियों, शरीर ,परिवार,
गांव, समाज, राज्य से लेकर राष्ट्र तक पड़ने वाले दुष्प्रभावों को अत्यंत प्रभावी तरीके से बयां किया ।कलाकारों ने सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास और आमजन की जिम्मेवारियां गिनाते हुए नशे पर विजय पाने तक की संपूर्ण दृश्यवली का प्रभावी मंचन किया । कलाकारों की आकर्षक भाव भंगिमाओं, जोशीली संवाद अदायगी से निर्मित वातावरण में नाटक ने कारागार के बंदियों से खूब ठहाके और तालियां बटोरी ।स्थानीय लोक धुनों पर आधारित नशा निवारण के संदेश गीतों पर पारंपरिक वेशभूषा में चम्बा रंग दर्शन चम्बा के लोक कलाकारों ने जहां अत्यंत सादगी से लोगों को इस समाजिक बुराई को त्यागने का अनुरोध ही किया वहीं नशे के घातक परिणामों से अवगत करवा कर इस से दूर रहने के लिए सचेत किया।
इस अवसर पर चम्बा रंग दर्शन चम्बा के प्रधान राजेश जहरी ने बताया कि सुधार गृह के बंदियों के साथ नशे जैसी सामाजिक बुराई का सन्देश देना सुखद अनुभव रहा है। बंदियों ने कलाकारों के साथ जीवन पर्यन्त नशा न करने और नशे में लिप्त लोगों को नशे से दूर रहने का सन्देश देने का जो संकल्प लिया है, वही हमारे आज के कार्यक्रम की भी सफलता है।