चंबा, 4 जनवरी– उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि चंबा जिला में स्थानीय मांग के आधार पर युवाओं के लिए कौशल विकास की कार्य योजना तैयार करना सुनिश्चित बनाया जाए। उपायुक्त ने यह निर्देश आज प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत गठित जिला स्तरीय कौशल विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए ऐसी कार्य योजना बने जिसमें जल विद्युत परियोजनाओं, सड़क व अन्य निर्माण कार्योंं और ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, पैराग्लाइडिंग, जीप सफारी, रिवर राफ्टिंग, होमस्टे, कृषि उपकरणों की मरम्मत, मधुमक्खी पालन, टिशु कल्चर व शॉर्टहैंड जैसे स्वरोजगार व्यवसाय में युवाओं को चिन्हित करके उनके कौशल विकास का व्यवहारिक कार्य शुरू हो सके। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सबसे पहली प्राथमिकता उन युवाओं तक पहुंच बनाने और उन्हें चिन्हित करने की है जो जिला में स्थानीय मांग के अनुरूप अपना व्यवसाय शुरू करने को लेकर इच्छुक हैं और उनमें अपने कौशल को और निखारना चाहते हैं। चंबा जिला में जल विद्युत परियोजनाओं के अलावा सड़क और अन्य निर्माण कार्य में आने वाले समय में बड़े पैमाने पर कार्य होने वाले हैं। ऐसे में इन दो सेक्टरों में भी युवाओं को स्थानीय स्तर पर भारी मशीनरी को चलाने और जल विद्युत परियोजनाओं के तकनीकी कार्यों से जुड़े रोजगार के अवसर प्राप्त होने वाले हैं। उपायुक्त ने यह निर्देश भी दिए कि जिले के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं की कैरियर काउंसलिंग और उन्हें जागरूक करने के मकसद से सभी उपमंडलों के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न विभागों के स्थानीय अधिकारियों द्वारा भी उनका मार्गदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के जो संस्थान कौशल विकास के विभिन्न कोर्स आयोजित कर रहे हैं उनमें शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता के साथ कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। इन संस्थानों के औचक निरीक्षण भी किए जाएंगे। प्रशिक्षण ले चुके युवाओं की प्लेसमेंट के बाद उनकी ट्रैकिंग भी हर हाल में सुनिश्चित की जाए ताकि ये पता चल सके कि कौशल विकास का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद जिन युवाओं की प्लेसमेंट किसी संस्थान या उद्यम में हुई है वे रोजगार से जुड़े हुए हैं या छोड़ चुके हैं। उपायुक्त ने रोजगार विभाग को आगामी कुछ महीनों के बाद जिले में रोजगार मेलों का आयोजन करने के लिए भी कहा। उन्होंने विभिन्न स्वरोजगार में स्किल्ड लोगों का डेटाबेस तैयार करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस दिशा में भी आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि स्थानीय स्तर पर जहां लोगों को इस तरह के स्किल्ड लोगों की पूरी जानकारी रहे, वहीं इन्हें अपने घर- द्वार पर ही स्वरोजगार मिल सके। उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कौशल विकास को लेकर जो भी प्रशिक्षण कोर्स चलाए जाएंगे उनके लर्निंग आउटकम को निरंतर जांचना भी उतना ही आवश्यक है ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जो युवा अपना स्वरोजगार कमाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे उन्हें अपने स्किल के आधार पर काम मिलता रहे। उपायुक्त ने यह भी कहा कि चंबा जिला केंद्र सरकार की एस्पिरेशनल जिला योजना का हिस्सा है। ऐसे में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत भी छोटी और बड़ी अवधि के कौशल विकास कार्यक्रम में प्रशिक्षित हुए युवाओं के प्रमाणन के अलावा ये डाटा भी तैयार किया जाए कि कौशल विकास के बाद कितने युवाओं को रोजगार के लिए प्लेसमेंट मिला। उन्होंने ये भी बताया कि जो भी विभाग या संस्थान युवाओं को व्यावहारिक कौशल विकास के लिए अप्रेंटिसशिप पर रखेंगे उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि स्वरोजगार और कौशल विकास वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उन युवाओं के लिए एक ऐसा आधार बनेगा जो उनके आर्थिक स्वावलंबन की दिशा भी तय करेगा। वही स्वरोजगार लंबे समय तक चल सकता है जिसमें समय के अनुसार कौशल विकास भी जुड़ा रहता है। बैठक में जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान, जिला योजना अधिकारी गौतम शर्मा, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण योगेंद्र कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक भूपेंद्र कालिया, वरिष्ठ प्रबंधक जिला उद्योग केंद्र चंद्रभूषण, प्रिंसिपल राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान राहुल राठौर के अलावा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जिला समन्वयक शिवेंदु चौहान व अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।——–