चंबा/ 07 नवम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़–
उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि बेसहारा पशुओं के प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं के हल को लेकर ब्लू क्रॉस सोसायटी को कार्यशील और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि सोसाइटी की नियमित तौर पर बैठकें भी आयोजित की जाएं। उपायुक्त ने यह बात आज राज्य गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा द्वारा चंबा में पशुपालन विभाग और नगर परिषद के अधिकारियों के साथ जिला के गौ सदनों की मौजूदा स्थिति और उनमें सुधार को लेकर की गई बैठक के बाद कही।
उन्होंने बताया कि राज्य गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष द्वारा प्रदेश के अन्य जिलों में संचालित गौ सदनों के आधार पर जो सुझाव दिए गए हैं उनके अनुरूप चंबा जिला में भी गौ सदनों को स्थापित और व्यवस्थित करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सलूणी उपमंडल के मंजीर में स्थापित होने वाले गौ सदन में मनरेगा कन्वर्जेंस शामिल करने और रास्ते की समस्या को लेकर खंड विकास अधिकारी सलूणी और तहसीलदार सलूणी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। भटियात उपमंडल के हटली क्षेत्र में भी गौ सदन स्थापित करने की संभावनाओं को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं। हटली में गौ सदन शुरू होने पर नैनीखड्ड के समीप चंबा- पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर संचालित गौ सदन से गौवंश को हटली में स्थानांतरित किए जाने की भी योजना है।
उपायुक्त ने नगर परिषद चंबा को भी निर्देश दिए कि भगोत स्थित गौ सदन में बेसहारा पशुओं की संख्या को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि न्यूनतम 30 की संख्या हो जाने पर इसका बाकायदा पंजीकरण किया जाएगा और उसके बाद राज्य गौ सेवा आयोग से प्रति पशु हर महीने 500 रुपए की सहायता राशि भी प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी कहा कि चंबा शहर में आम जनमानस को अपने घर से बची हुई गेहूं या मक्की की रोटियों को नगर परिषद के माध्यम से गौ सदन के लिए मुहैया करने को लेकर जागरूक किया जाए। उन्होंने नगर परिषद को इस दिशा में भी जल्द कदम उठाने के निर्देश दिए।उपायुक्त ने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी बेसहारा पशुओं की समस्या के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।
उप निदेशक पशुपालन डॉ राजेश सिंह ने अवगत किया कि अब तक चंबा जिला में 63 फ़ीसदी पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि चंबा जिला के पांगी, सलूणी और तीसा ब्लॉक बेसहारा पशु मुक्त हैं। जिला में 394 बेसहारा पशुओं को चिन्हित किया गया था जिनमें से 173 को शरण दिलाई जा चुकी है। इस समय नैनीखड्ड, चुवाड़ी और हरदासपुर के गौ सदन को वित्तीय मदद दी जा रही है।उपायुक्त ने कहा कि टैगिंग को और बढ़ाए जाने की दिशा में विभाग कार्य योजना तैयार करे और अधिकाधिक पशुओं की टैगिंग पूरी की जाए। पशुओं की टैगिंग पूरी होने के बाद आसानी से पता चल सकेगा कि बेसहारा छोड़े गए पशु का मालिक कौन है।
इस सूरत में प्रभावी कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है ताकि लोग अपने घरेलू पशुओं को इस तरह से बेसहारा छोड़ने की प्रवृत्ति से गुरेज करें। उन्होंने नगर परिषद और पशुपालन विभाग को संयुक्त कार्य योजना के तहत बेसहारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी करने की प्रभावी मुहिम शुरू करने के भी निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि ब्लू क्रॉस सोसायटी की बैठकों में इन सभी मुद्दों की समीक्षा आने वाले समय में निरंतर की जाती रहेगी। इस मौके पर अतिरिक्त निदेशक डॉ राजेश वालिया, अतिरिक्त निदेशक डॉ पूनम ठाकुर, अतिरिक्त निदेशक डॉ सुजय शर्मा भी मौजूद रहे।