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हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने की अध्यक्षता

चंबा / 4 जुलाई / न्यू सुपर भारत

हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि ज़िला में अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों में साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए  विशेष प्राथमिकता रखें ।

वीरेंद्र कश्यप आज अनुसूचित जाति वर्ग के समग्र विकास को लेकर जिला स्तर पर किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा को लेकर बचत भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे ।

बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ हंसराज, स्थानीय विधायक पवन नैयर , सदस्य अनुसूचित जाति आयोग अजय चौहान भी विशेष रूप से मौजूद रहे ।

ज़िला के कुछ क्षेत्रों में साक्षरता  दर कम होने पर चिंता जाहिर करते हुए वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों का यह मौलिक दायित्व है कि वे बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए जिम्मेवारी के साथ आगे आएं । उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि सरकार द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं । ऐसे में स्कूल नहीं जाने वाले  6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के अभिभावकों के प्रति कार्यवाही भी सुनिश्चित बनाई जाए ।

आयोग के अध्यक्ष ने समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना अधिकारी से ड्रॉपआउट मामलों में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए ।

ज़िला में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न बैंकों के माध्यम से शिक्षा ऋण के स्वीकृत मामलों पर विस्तृत समीक्षा के दौरान वीरेंद्र कश्यप ने गैर सरकारी बैंकों द्वारा ऋण मामलों को स्वीकृत नहीं करने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए उपायुक्त  को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा । उन्होंने प्रबंधक ज़िला अग्रणी बैंक से आगामी 15 दिनों के भीतर बैंक बार अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को स्वीकृत किए गए शिक्षा ऋण का ब्यौरा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए ।

बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के चंबा कार्यालय द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों पर असंतोष जाहिर करते हुए वीरेंद्र कश्यप ने निगम से संबंधित विभिन्न कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपायुक्त डीसी राणा ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी की अध्यक्षता में जल्द निगम के कार्यों की समीक्षा और विशेष ऑडिट करने करने का आश्वासन दिया ।

गैर सरकारी सदस्य द्वारा जाति दुरुस्ती के मामलों पर भी विस्तृत चर्चा की गई ।

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत  जानकारी और जागरूकता के लिए  वीरेंद्र कश्यप ने चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ तालमेल बनाकर  योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए ।

अनुसूचित जाति वर्ग  के साथ अत्याचार से संबंधित मामलों  में आयोग के अध्यक्ष ने पुलिस को संवेदनशीलता रखने के साथ त्वरित कार्रवाई को निर्देशित किया ।

उन्होंने  पुलिस अधीक्षक को एट्रोसिटी  एक्ट के तहत विभिन्न पुलिस थाना में आने वाले पीड़ित लोगों की सुविधा के लिए विशेष रजिस्टर लगाने के निर्देश दिए जिसमें पीड़ित लोगों के आने का समय और मामले से संबंधित कार्रवाई को दर्ज किया जा सके । उन्होंने  अधीनस्थ  अधिकारियों को मामले में संवेदनशीलता रखने के निर्देश भी दिए ।

इस दौरान अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के तहत विभाग बार विश्लेषण और समीक्षा भी की गई।

बैठक में अनुपस्थित जिला अधिकारियों के प्रति कड़ा संज्ञान लेते हुए वीरेंद्र कश्यप ने उपायुक्त को उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए ।

 कार्यवाही का संचालन करते हुए उपायुक्त डीसी राणा ने बैठक में अवगत किया कि जिला में अनुसूचित जाति वर्ग की 26.10 प्रतिशत आबादी है।

उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान मार्च माह तक अनुसूचित जाति विकास योजना के तहत 28 विभिन्न विभागों द्वारा ज़िला में लगभग 67 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि व्यय की जा चुकी है ।

इससे पहले उपायुक्त डीसी राणा ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप को शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित भी किया ।

इस अवसर पर अध्यक्ष जिला परिषद नीलम कुमारी, उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम जय सिंह,पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, अतिरिक्त निदेशक नीरज गुप्ता,पंचायती राज संस्थाओं, पार्षद नगर परिषद और  विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि  मौजूद रहे ।

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