November 25, 2024

राज्य विकास बजट 2021-22 के लिए 9405.41 करोड़ का प्रावधानः मुख्यमंत्री

0

शिमला / 10 फरवरी / न्यू सुपर भारत

राज्य सरकार ने बजट के लिए योजना और गैर योजना श्रेणियों की पुरानी प्रणाली को समाप्त करने और वर्ष 2021-22 से वार्षिक योजना के स्थान पर वार्षिक विकास बजट प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक विकास बजट के प्रारूप को मंजूरी प्रदान करने के लिए आयोजित राज्य योजना बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।


मुख्यमंत्री ने कहा कि नई प्रणाली में सभी चार उप-योजनाएं सामान्य योजना, अनुसूचित जाति उप-योजना, जनजातीय उप-योजना और पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना के नाम अब सामान्य विकास कार्यक्रम, अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम, अनुसूचित जनजाति विकास कार्यक्रम और पिछड़ा क्षेत्र विकास कार्यक्रम रखें जाएंगे।


जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021-22 के राज्य विकास बजट के लिए 9405.41 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इसमें सामान्य विकास कार्यक्रम के लिए 6096.70 करोड़ रुपये (64.82 प्रतिशत), अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए 2369.22 करोड़ रुपये (25.19 प्रतिशत), अनुसूचित जनजाति विकास कार्यक्रम के लिए 846.49 करोड़ रुपये (9 प्रतिशत) और पिछड़े क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 93 करोड़ रुपये (0.99 प्रतिशत) आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि नाम परिवर्तित किए गए हैं, परन्तु अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए धन के आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और भारत तथा हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा समय पर उठाए गए कदमों ने यह सुनिश्चित किया है कि देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आए। उन्होंने कहा कि यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व के कारण ही सम्भव हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने महामारी के दौरान लगे लाॅकडाउन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत योजना और डिसकोम के अन्तर्गत प्रदेश को 7,161 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।  


जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में निजी निवेश को आकर्षित करने की पहल के अन्तर्गत धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि कई नामी उद्यमियों द्वारा 96,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए। यह कार्यक्रम सफल रहा और एक महीने के भीतर ही 13,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की ग्राउड बे्रकिंग सेरेमनी आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस प्रयास पर महामारी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


मुख्यमंत्री ने कहा क प्रदेश सरकार ईज आॅफ डूईंग बिजनेस में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 16वें स्थान से सातवें स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि क्षेत्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अर्थव्यवस्था में वी-शेपड ग्रोथ देश के लिए राहत का संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने आय के स्त्रोत उत्पन्न करने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए हैं और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि अब मौजूदा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर ध्यान देना चाहिए।


ऊर्जा मंत्री सुखराम चैधरी ने प्रदेश में उद्यमियों को इकाइयां स्थापित करने के लिए समयबद्ध मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, साथ ही वैज्ञानिक तरीके से खनन को बढ़ावा प्रदान करने के लिए लोगों को खनन पट्टे प्रदान किए जाए।


राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चन्द ध्वाला ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए योजना को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए बोर्ड के सभी सदस्य अपने बहुमूल्य सुझाव दें। उन्होंने कहा कि राज्य में सन्तुलित विकास के लिए लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि अधिकारी आम लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रम के लिए प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें।


चैधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रोफेसर एच.के. चैधरी ने स्मार्ट सीड विल्लेज काॅनसेप्ट अवधारणा को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
डाॅ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के कुलपति डाॅ. परमिन्दर कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया जाना चाहिए।


हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय प्रोफेसर एस.पी. बन्सल ने कहा कि राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश को स्वयं की विशेष पहचान बनानी होगी।
क्लस्टर विश्वविद्यालय के कुलपति सीएल चंदन ने कहा कि जिन उद्यमियों ने प्रदेश में निवेश किया है उनके लिए राज्य सरकार को सुविधाएं सृजित करनी चाहिए ताकि वह प्रदेश में स्थापित हो सके। उन्होंने राज्य में पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि राज्य को पसंदीदा पर्यटन गंतव्य स्थल बनाया जा सके।


बोर्ड के गैर सरकार सदस्य राज कुमार वर्मा और अनिल किमटा ने भी इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार ने कहा कि राज्य को आर्थिक रूप से सतत बनाने के लिए आय आधारित गतिविधियां सृजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्पाद एकत्रीकरण के लिए बेहतर गोदाम निर्मित करने की आवश्यकता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा ने कहा कि कर चोरी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।


पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि समृद्ध हिमाचलियों को राज्य से बाहर न जाने के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य में ही स्थिति सृजित करने की आवश्यकता है क्योंकि इससे वित्तीय पलायन होता है।  


अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने नोवल कोरोना वायरस की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि वायरस के कारण वैश्विक आर्थिकी प्रभावित हुई है और इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिना किसी ब्याज के 450 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार की प्रधानमंत्री जन धन योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से महामारी के दौरान राज्य के लोगों को राहत उपलब्ध हुई है।


सलाहकार योजना डाॅ. बासु सूद ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीण चैधरी, तकनीकी शिक्षा मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष भी इस बैठक में शामिल हुए, जबकि उपायुक्तों ने अपने-अपने जिलों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *