नई दिल्ली / 14 फरवरी / राजन चब्बा
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बजट 2021-22 पर दिल्ली भाजपा द्वारा आयोजित महिला उद्यमी सम्मेलन में इस बजट में महिलाओं के उत्थान व उनके सशक्तिकरण के मोदी सरकार द्वारा किए गये प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी व महिला उद्यमियों की उपलब्धियों पर उनकी सराहना की ।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “ मोदी सरकार पूरी दृढ़ता से महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पित है और इसी का परिणाम है कि हमने बजट 2021- 22 में हमने महिलाओं का विशेष ध्यान रखा है। महिलाओं के लिए चलाई जा रही विशिष्ट योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। पोषाहार योजना के लिए वर्ष 2020-2021 के लिए 35,600 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है। आपदा काल में लाया गया यह एक बेहतरीन बजट है और इसका मकसद भारत की आर्थिक व्यवस्था को आने वाले समय में पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना व विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था में लाकर खड़ा करना है ।
हर घर तक नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने, आवास सुलभ कराने, युवाओं के उनके मनपसंद क्षेत्रों में कुशल बनाकर स्वरोजगार बढ़ाने, महिला एवं बाल विकास, पोषण, आंगनवाड़ी, विद्यालयों, बुजुर्ग महिलाओं तक नकद लाभ पहुंचाने जैसे कार्य इस बजट में शामिल है।पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना, उज्जवला योजना का विस्तार, महिला उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण एवं बैंक ऋण सुविधा का विस्तार देने का काम मोदी सरकार ने किया है”
आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “ आज महिलाएँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं ।चाहे सेना क्षेत्र हो या सेवा क्षेत्र महिलाएँ हर जगह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। मोदी सरकार ने महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्त करने का काम किया है। महिला वर्ग के लिए अब इतनी योजनाएं चलाई जा रही हैं और उनके हाथ में सीधे पैसे भी पहुंच रहे हैं जिससे वे वास्तव में ‘लक्ष्मी’ बन गई हैं। अब घर के पुरुष उन्हें लक्ष्मी के रुप में देखते हैं और उनका सम्मान करते हैं। ये सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा लोन की भी ज्यादा लाभ महिलाओं को मिला है और 70% ऋण महिला कारीगरों को दिया गया है। इससे न केवल महिला अपने पैरों पर खड़ी होगी बल्कि इससे परिवार एवं समाज की बेहतरी होगी। मोदी सरकार स्त्री-पुरुष को दो पंख मानती है। एक पंख से उड़ान नहीं भरी जा सकती है इसलिए बजट में महिलाओं की स्थिति में हर तरह का सुधार लाने और उन्हें आर्थिक तौर पर स्वतंत्र बनाने के ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जा सके। यह बजट देश के नवनिर्माण और स्वदेशी को बढ़ावा देने वाला बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हमारे देश के युवा-युवती नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बने ।जहाँ 2014 से पहले हम स्टार्टअप के क्षेत्र में कहीं नहीं होते थे, आज हम दुनिया के टॉप 4 देशों में हैं”