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खेल प्रतिभाओं को अपनी ओर आकर्षित करता बिलासपुर का लुहणू मैदान

बिलासपुर / 07 नवम्बर  / न्यू सुपर भारत न्यूज़


जिला बिलासपुर ने 50 वर्षों में खेलों के क्षेत्र में निरंतर विकास करते हुए नए-नए आयाम स्थापित किए है। पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्षों में जिला बिलासपुर के  लुहणू के मैदान का कायाकल्प होने से खेल जगत में एक नया अध्याय शुरू हुआ। वर्तमान में लुहणू मैदान खेल प्रतिभाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बाहें फैलाऐ़े हुए है। यहां पर विशाल खेल परिसर, सिंथैटिक ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम, जलक्रीड़ा केन्द्र, नई आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण इंडोर खेल स्टेडियम में खेल प्रतिभाओं को खेलों के अभ्यास के लिए एक उचित मंच मिलने से प्रतिभावान खिलाडियों को खेल के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने में सफलता मिल रही है।


जिला बिलासपुर को खेलों का हब बनाने के लिए करोड़ों रुपये व्यय किए जा रहे है ताकि नई उभरती प्रतिभाओं को खेल के लिए उचित मंच मिल सके। लूहणू मैदान में सिंथैटिक ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम उभरती खेल प्रतिभाओं के लिए कारगर सिद्ध हो रहा है। जिला के खिलाड़ी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का जौहर दिखाकर जिला, प्रदेश तथा देश का नाम रोशन कर रहे है। जिला में खिलाड़ियों की दक्षता को निखारने के लिए यहां पर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का स्पोर्टस होस्टल भी है जहां से कबड्डी एवं बाॅक्सिंग खेलों के लिए राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय खिलाडी उभरे है।


    प्रकृति ने जिला को अनोखा वरदान दिया है। यहां की सुंदर बंदला धार, गोबिंद सागर झील, कोल डैम, साहसिक खेलों में रूचि रखने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गोबिंद सागर झील और कोल डैम में विभिन्न प्रकार की जल क्रिडाएं आयोजित करवाई जा रही है और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा जल क्रिडाओं में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही बंदलाधार में पैराग्लाईडिंग स्पाॅट विकसित किया जा रहा है। गत वर्ष से नेशनल पैराग्लाडिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।
गोबिंद सागर झील और कोल डैम में फिश एंग्लिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन करके पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है ताकि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके।

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