महाऋषि बाल्मीकी की शिक्षाओं को जीवन में अपनाए – राजिन्द्र गर्ग
बिलासपुर / 31 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने कहा कि महाऋषि बाल्मीकी की जयंती पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि महाऋषि बाल्मीकी की शिक्षाएं हमारे समाज तथा देश के लिए महत्वपूर्ण है तथा इन शिक्षाओं को हम सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। वह आज घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के वणी पंडिता में महाऋषि बाल्मीकी की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज महाऋषि बाल्मीकी और लोह पुरूष सरकार पटेल की जयंती है। दो महापुरूषों का हमारे देश और समाज के लिए काफी योगदान रहा है। संयोगवश आज दोनों जयंतियां ही साथ मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि महाऋषि बाल्मीकी ने 10 हजार वर्ष पूर्व रामायण रचना की थी। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान अपनी संस्कृति से है और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए समय-समय पर महापुरूषों ने प्रयास किया जिसके कारण भारत अखण्ड रहा।
उन्होंने कहा कि महाऋषि बाल्मीकी के जीवन से हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि हम सभी जीवन में ऐसे कार्य करें जिससे स्वयं और समाज का भला हो सके। उन्होंने कहा कि महाऋषि बाल्मीकी ने संदेश दिया था कि हम सभी एक ही भगवान के अंश है और आत्मा एक है इसलिए आपस में भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाऋषि बाल्मीकी की जयंती समाज के सभी वर्गों को सत्य और जन सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि सभी का व्यवहार सही होना चाहिए। यदि कोई गलत भी करता है तो उसे सही रास्ता दिखाना हमारा नैमिक कर्तव्य होना चाहिए ताकि समाज में एकजुटता रहे और राष्ट्र मजबूत बन सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करें, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहने, सामाजिक दूरी का पालन करें ताकि बार-बार हाथ धोते रहे।
इस अवसर पर धनी राम सौंखला ने भी महाऋषि बाल्मीकी के जीवन पर प्रकाश डाला।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री ने घुमारवीं विश्राम गृह में लोगों की समस्या सुनी तथा उनका निपटारा भी सुनिश्चित किया।
इस मौके पर मण्डलाध्यक्ष सुरेश ठाकुर, जिला महामंत्री नवीन शर्मा, मण्डल उपाध्यक्ष हेम राम, प्रधान नरेश कुमारी के अतिरिक्त यशवंत, ब्रहम दास, प्रदीप, मुंशी राम, अनंत राम, मदन, जोगिन्द्र के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।