होम आइसोलेसन में दिशा निर्देशो का पालन अवश्य करें- डाॅ. प्रकाश दरोच
बिलासपुर / 24 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने बिलासपुर बासियों से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के मामले लगातार बढते जा रहे है जिनमें कोरोना के बिल्कुल भी लक्षण नही है या बेहद हल्के लक्षण है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए गाइडलाइंस अपडेट की है।
उन्होने बताया कि जारी गाइडलांइन्स के दिशा निर्देशों अनुसार कौन हाॅस्पिटल की जगह होम आइसोलेसन में रह सकता है। कितने दिन ऐसे रहना हैं क्या सावधानियां बरतनी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते अब कोरोना पाॅजीटिव कुछ लोगो को होम आइसोलेसन में रखा जरा रहा हैं। जैसे कोरोना वायरस के बेहद हल्के लक्षण होने पर या बिल्कुल भी लक्षण न दिख रहे हो। तथा मरीज की आयु 60 वर्ष से कम हा, रोगी को अलग कमरे में धर के दूसरे लोगों से दूर रहना होगा। कमरा हवादार होना चाहिए। देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति 24 धटे मौजूद होना चाहिए जिसकी उर्म 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। देखभाल कर्ता महिला हो तो गर्भवती नही होनी चाहिए। देखभाल कर्ता जो हॅास्पिटल के भी टच में रहे। फोन में आरोगय सेतु ऐप होना चाहिए जो हमेशा ऐक्टिव रहे। होमआइसोलेसन में उन्हीं मरीजों को रखा जाएगा जिनका उच्च रक्तचाप, मधुमहे ह्रदय रोग, दमा, क्राॅनिक लिवर या गुर्दे की बीमारी एच आई वी कैंसर साॅरी ब्रो वैस्कुलर रोग आदि से ग्रसित ना हो।
उन्होंने बताया कि कोरोना के लक्षण दिखने के 17 दिनो बाद तक होम आइसोलेसन में रहना होगा या फिर 10 दिनो तक बुखार न आने पर होम आइसोलेसन खत्म किया जा सकता हैं अन्त में दुबारा टेस्टिंग की जरुरत नही हैं।
उन्होंने बताया कि रोगी हर समय तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी है, मास्क को 8 धण्टे पयोग में लाने के बाद एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट में विसक्रमित करना जरूरी हैं, रोगी को अलग कमरे में धर के दूसरे लोगों से दूर रहना होगा व अलग शौचालय का प्रयोग करना होगा, रोगी को तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है, रोगी को डाक्टर के दिशानिर्देश मानने होगे, रोगी को अपना बुखार खुद जांचना होगा यदि स्थिति खराब होती है तो विभाग को रिपोर्ट करनी होगी।
उन्होंने बताया कि देखभाल करने वाले को भी तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी है, सामने वाला मास्क का भाग न छुये, अगर मास्क गीला हो जाये तो इसे तुरन्त बदल ले, साबुन व पानी से हाथ बार-बार धोये, हाथ घोने में कम से कम 40 सैकेड लगाये, भोजन रोगी को उसके कमरे में ही दें, रोगी के बर्तन को दस्ताने (गलब्ज) पहन कर साबुन व पानी से धोये, रोगी के प्रयोग में आनी वाली चीजे कभी प्रयोग में न लाये जैसे तोलिया,बैड सीट, खाना खाने के बर्तन आदि, दस्ताने व मास्क को उतारने के बाद हाथ अवश्य धोये, रोगी द्वारा जनित वेस्ट का उचित बी.एम.डब्ल्यु निर्देशो के अनुसार निपटान करें।
उन्होंने बताया कि कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखें, अपने हाथों को साबुन व पानी से दिन में बार-बार कम से कम 20 सैकिंड तक अवश्य धोऐं या सेनीटाइजर का उपयोग करें, खांसते व छिंकते समय नाक और मुंह रुमाल, टिशू पेपर व अपने बाजू की कोहनी से ढककर रखें, इस्तेमाल किये हुए मास्क का उपयोग एक बार में 4-6 घण्टे ही करें इस्तेमाल के बाद उसे क्लोरिन घोल में डालने के बाद बंद कूडेदान में डाल दें, जिन व्यक्तियों को सर्दी या फलू के लक्षण हों उनसे कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें, पर्याप्त मात्रा में नींद लें और आराम करें, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ और पोषक आहार लें, साफ-सफाई का खास ख्याल रखें, अंडे व मांस के सेवन से बचे या अच्छी तरह पकाकर खांऐं, या़त्रा करने से बचें यदि की है तो पूरी जानकारी प्रसाशन को दें, कंटेनमैंट जोन में लौकडाउन का सही पालन करें, अपने माबाईल को सैनिटाइज करें, अपने कार्यस्थल, कुर्सियों आदि को साफ करें, अपने बालों को प्रतिदिन अवश्य धोएं, प्रतिदिन गीले वस्त्रों को धूूप में सुखाएं तथा दरवाजों के हैंडल ताले, स्विच आदि को छूने से परहेज करें, यदि आप में बुखार, जुखाम, खांसी या सर्दी लगने के लक्षण हैं तो सबसे पहलें घर पर ही आईसोलेट जगह पर रहें और डाॅक्टर को दिखाएं। कोरोना की अधिक जानकारी हेतु सभी अपने मोबाईल में आरोग्य सेतू ऐप डाउन लोड कर प्रयोग करें।