***रेशम कीट पालन में उत्पादकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका किसानों का आर्थिक विकास होता है सुनिश्चि
**लगभग 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले रेशम प्राद्योगिकी
प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन केन्द्र का किया शिलान्यास
बिलासपुर 21 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़:-
लोगों को घर-द्वार पर रोजगार से नए-नए अवसर उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है। यह बात खाद्य आपूर्ति एवं नागरिक उपभोक्ता मामले तथा मुद्रण एवं लेखन सामग्री मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने
घुमारवीं लगभग 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले रेशम प्राद्योगिकी प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन केन्द्र का शिलान्यास करने के उपरांत सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब यह भवन बनकर तैयार हो जाएगा तो वह किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर प्रदेश में रेशम कीट पालन में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए अग्रणी किसान के रूप में उभर कर सामने आए है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह आत्मनिर्भर बनने के लिए रेशम कीट पालन को अधिक से अधिक अपनाए और दूसरे लोगों को भी रेशम कीट पालन की प्रेरणा दें। उन्होंने कहा कि इस भवन के निर्मित होने से लोगों को रेशम कीट पालन के बारे में नई-नई
आधुनिक जानकारियां प्रदान देने के साथ-साथ प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि जिला में रेशम कीट पालन में उत्पादकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है इससे जहां किसानों को आमदनी मिल रही है वहीं आर्थिक विकास भी सुनिश्चित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभाग के माध्यम से किसानों को अनेकों प्रोत्साहन दे रही हैं उन्होंने कहा कि किसान घरों में ही रेशम कीट पालन का यूनिट लगाकर अपनी आर्थिकी मजबूत करें और इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि किसान जितनी तरक्की
करेगा भारत उतना ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री के ‘वोकल फाॅर लोकल नारे’ को पूरा करने के लिए घर से गांव तक विकास सुनिश्चित करना होगा।
जो उत्पाद लोग घरों तथा गांव में पैदा करेंगे वह गुणों से भरपूर होंगे। उन्होंने कहा कि रेशम कीट पालन के लिए शेड बनाने के लिए राशि को बढ़ाया गया है और घर पर ही पहली मंजिल की शेड बनाने की अनुमति भी प्रदेश सरकार ने प्रदान की है ताकि किसान अपने इस व्यवसाय को आगे बढ़ा सके।
उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र के लोग रेशम कीटों का उत्पादन करते है उनके दाम सही हो इसके लिए भी प्रयास किए है जिसके लिए यदि कोई ओद्योगिक इकाइ रेशम कीटों को खरीद न पाए तो सरकार ने स्वयं आगे आकर उनको खरीदने की व्यवस्था की है और आने वाले समय में किसानों को इसके अच्छे दाम मिले इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रुपये की राशि किसानों के खाते में जमा की जा रही है ताकि किसानों को आर्थिक सहारा मिल सके। उप-निदेशक उद्योग (रेशम प्रभाग) बलदेव चैहान ने रेशम कीट पालकों के कल्याणार्थ विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। जिला परिषद सदस्य पुरूषोतम शर्मा और जिला भाजपा सचिव ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मण्डल महामंत्री राजेश शर्मा, राजेश ठाकुर, बीडीसी सदस्य चंदन, आईटी सैल घुमारवीं वीरेन्द्र लखनपाल के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा भारी संख्या में रेशम कीट पालक किसान उपस्थित रहे।