बिलासपुर / 3 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। किसानों को सुरक्षा प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार ने किसानों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना शुरू की गई हैं। यह योजना कृषक या मजदूर की मृत्यु पर पीड़ित परिवार के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।
इस योजना के तहत कृषि कार्यों के दौरान उन किसानों तथा खेतिहर मजदूरों को सहायता दी जाएगी जो कृषि मशीनरी, औजार व उपकरण आदि द्वारा खेत में प्रयोग के दौरान अथवा कृषि मशीनरी को खेत से घर, घर से खेत ले जाते हुए किसी दुर्घटना की वजह से घायल हुए हो या मृत्यु हुई हो। इस योजना के तहत उन किसानों और खेतिहर मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा जिनकी मृत्यु अथवा विकलांगता नलकूप, बोरवेल, पम्पिंग सेट, लघु लिफ्ट, इत्यादि को स्थापित या संचालित मशीनरी को उपयोग या ढूलाई करते समय हुई हो। इसके अतिरिक्त कृषि कार्यों में उपयोग किए जा रहे ट्रेक्टर, पाॅवर टीलर, वीडर, उर्जा चलित हल, रीपर बाईडर मशीन, पाॅवर थे्रशर, घास काटने की मशीने, औजार उपकरण शामिल है। इस योजना में केवल स्थानीय किसान/मजदूर ही शामिल हैं। किसी भी कम्पनी/ठेकेदार के कार्यकर्ता/मजदूर/कर्मचारी इस योजना में शामिल नहीं है।
इस योजना के तहत मृत्यु पर 3 लाख रुपये, स्थायी रूप से रीड़ की हड्डी टूटने पर 1 लाख रुपये, दोनों बाजू/दोनों टांगे/एक बाजू एक टांग के पूर्ण रूप से कटने पर 40 हजार रुपये, एक बाजू/एक टांग या चार उंगलियां कटने पर 30 हजार रुपये, एक से तीन ऊँगली के पूर्ण रूप से कट जाने पर 20 हजार रुपये तथा आंशिक रूप से ऊँगली/अंगूठा कटने पर 10 हजार रुपये सहायता राशि दी जाएगी।
उप निदेशक कृषि कुलदीप सिंह ने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को दुर्घटना के 2 महीने के भीतर सम्बन्धित विकास खण्ड के विषयवाद विशेषज्ञ कृषि को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा जो खण्ड स्तर पर विभाग के पास उपलब्ध हैं तथा दुर्घटना का सत्यापन सम्बन्घित पंचायत प्रधान अथवा सचिव से करवाकर तथा चिकित्सा प्रमाण पत्र पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी से जारी करवाकर जमा करवाएं।