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होम क्वारटाईन व्यक्ति कोरोना टैस्ट की रिपोर्ट आने के पश्चात घर से बाहर निकले – डाॅ. प्रकाश दरोच

बिलासपुर / 04 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला से अब तक 6612 लोगों के सैंपल कोविड-19 के लिए लैब जांच के लिए आई.जी.एम.सी. शिमला भेजे गए, उनमें से 6411 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं और 110 की रिपार्ट अभी तक पाॅजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि 75 सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि 65 लोग अभी तक कोरोना से निजात पा चुके हैं और 45 का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी भी बाहर से लोग अपने-अपने घरों को आ रहें हैं, सभी की बार्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है और सरकार के आदेशानुसार जो लोग हाई-लोड क्षेत्र से आ रहे हैं उन्हें इनस्टीचयूशनल क्वारनटाईन में रखा जा रहा है और 5 से 7 दिनों के अन्दर उनका कोरोना टैस्ट किया जा रहा है और नेगेटिव आने पर ही उन्हें होम क्वारनटाईन में भेजा जा रहा है, और अन्य को डाॅक्टर की अनुमति के हिसाब से उनका क्वारनटाईन किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आग्रह करते हुए कहा कि जो लोग बाहर से अपने-अपने घरों को आ रहें हैं सभी की बार्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है कि जो भी व्यक्ति होम क्वारनटाईन में है कोरोना टैस्ट होने के बाद वे तब तक घर में ही रहे जब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आ जाती। उन्होंने कहा कि उल्लघंन करने वालो के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जो व्यक्ति पहले से ही होम क्वारनटाईन में है वे घर से बाहर न निकलें ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लघंन करता है तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग/पुलिस विभाग व जिला प्रशासन को तुरंत दें।

उन्होंने दिशा निर्देश देते हुए बताया कि जो व्यक्ति होम क्वारंटाईन में है, वे हवादार एक कमरे में रहें जिसमें कि पृथक शौचालय साथ हो को प्राथमिकता दी गई है। अगर उसी कमरे में कोई दूसरा परिवार का सदस्य ठहरा हो तो वह आपस में कम से कम एक मीटर की दूरी अवश्य बनाए रखें। घर के भीतर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, बच्चों व सह बीमारी वाले व्यक्ति दूर रहें। घर में केवल अपने कमरे तक ही सीमित रहें। किसी भी स्थिति में सामाजिक, धार्मिक, शादी व शोक मनाने इत्यादि जगहों पर न जाएं। उसे हमेशा सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करना चाहिए अपने हाथों को हमेशा साबुन, पानी से अच्छी तरह धोएं या अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर का उपयोग करें।

उन्होंने बताया कि घरेलू वस्तुओं जैसे गिलास, कप, खाना खाने के बर्तन, तौलिया, बिस्तर इत्यादि को दूसरों के साथ सांझा न करें। हर समय मास्क पहने, मास्क को प्रत्येक 6 से 8 घण्टे में बदलें और उसका सही निपटारा करें। प्रयोग किए गए मास्क को पुनः उपयोग में न लाएं। मरीजों के
द्वारा/देखभाल करने वाले/निकट संपर्क वाले लोगों द्वारा घर में देखभाल के दौरान प्रयोग किए गए मास्क का निपटारा ब्लीचिंग घोल 5 प्रतिशत या 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड घोल से विसंक्रमित करने के पश्चात उसे जला दे या गहरा दबा दें। प्रयोग किए गए मास्क पूरी तरह से संक्रमित हो जाते हैं। यदि खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ के लक्षण हों तो उसे नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में सम्पर्क करें व 104 या  011-23978046 फोन पर करें।

उन्होंने बताया कि घर पर संगरोध व्यक्ति की देखभाल परिवार के केवल एक ही सदस्य को करनी चाहिए। भीगी हुई चादर को हिलाने से बचें या चमडी को प्रत्यक्ष रुप में न छुएं। सफाई करते समय तथा भीगी हुई चादर को संभालती बार डिस्पोजल दस्तानों का प्रयोग जरुर करें। दस्तानों को उतारने के बाद हाथों को साफ करें। आंगतुकों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अगर संगरोध
किया हुआ व्यक्ति लक्षणमय हो जाता तो सभी निकटतम संपर्कों को 14 दिन तक घर पर ही संगरोध किया जाए और उसके बाद अतिरिक्त 14 दिनों तक निगरानी में रखा जाए जब तक कि उसकी लैब रिपोर्ट नेगेटिव नहीं हो जाती। उन्होंने बताया कि वातावरण स्वच्छताः-संगरोध किये हुए व्यक्ति के कमरे, बैड, मेज इत्यादि को 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल से विसंक्रमित करें। प्रतिदिन शौचालय को साफ करें तथा घरेलू बलीच घोल/फिनायल से  विसंक्रमित करें। कपडों व दूसरे वस्त्रों को अलग से साधारण डिटरजैंट से साफ करें व धूप में सुखाएं।

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