जिला में विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाएगा- डाॅ. प्रकाश दरोच
बिलासपुर / 31 जुलाई / न्यू सुपर भारत न्यूज़
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ. प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते हुए समुदाय में जागरुकता कार्यक्रम बडे पैमाने पर नहीं किए जा सकते इसलिए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रचार-प्रसार के माध्यम से पहुँचाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्तनपान की सही समय पर शुरुआत करके, शिशुओं की मृत्यु व बीमारी की दर को कम करना है। उन्होंने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान स्तनपान से मां और शिशुओं को होने वाले लाभों के बारे में समुदाय को जागरुक करना, मां को स्तनपान के तरीकों की सही जानकारी देना तथा समुदाय में प्रचलित गलत प्रथाओं तथा तरीकों को दूर करना है।
उन्होंने बताया कि भारत वर्ष में 6 माह तक 50 प्रतिशत बच्चों को ही मां का दूध मिल रहा है स्तनपान करवाने में भारत 150 देशों में से 78वें नम्बर पर है तथा जन्म के पहले घण्टे में केवल 44.6 प्रतिशत शिशुओं को ही मां का दूध मिलता है। इसलिए लोगों को स्तनपान के सही समय पर शुरुआत करने, स्तनपान की समस्याओं व स्तनपान के सही तरीकों के बारे में सही जानकारी
प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि मां और बच्चा स्वस्थ रह सके। उन्होंने बताया कि इस वर्ष का इस संदर्भ में थीम “स्वस्थ ग्रह के लिए स्तनपान का समर्थन करें” अर्थात सभी से सही समय पर अर्थात नवजात को जन्म के 1 घण्टे के अन्दर केवल और केवल मां का दूध पहला पीला गाढा दूध जिसे कि कालोस्ट्रम कहते हैं जरुर पिलाएं और दिन में बच्चे को कम से कम 8 से 10 बार दूध पिलाएं यदि किसी कारण बस बच्चा दूध पीने में असमर्थ हो तो मां का अपना दूध साफ बर्तन में निकालकर के उसे चमच से पिलाएं, बोतल से दूध कभी भी न पिलाएं क्योंकि बोतल पर जमें हुए किटाणुओं से बच्चे को दस्त लग सकतें है, साफ-सफाई का बिशेष ध्यान रखें। 6 महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाएं जो कि बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार होता है, शहद व घुटटी आदि बिल्कुल न दें। 6 महीने के बाद बच्चे को मां के दूध के साथ-साथ हल्का- फुलका मसली हुई दाल, खीचडी, दलिया इत्यादि आहार शुरु कर दें जिसे दिन में 3-4 बार सही मात्रा में दिया जाना चाहिए। बच्चे को कम से कम 2 वर्ष व उससे ज्यादा समय तक लगातार स्तनपान करवाते रहें।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी व आशा इस अवधि में अन्य कार्यक्रमों के साथ-साथ समुदाय में स्तनपान करवाने के सही तरीकों के बारे में जागरुक व प्रशिक्षित करेगी तथा माताओं की स्तनपान करवाने में सहायता भी करेंगीे और अन्य गलत भ्रांतियों को भी दूर करेंगी। स्तनपान से होने वाले लाभों के बारे में माताओं को जानकारी देंगीे। उन्होंने बताया कि स्तनपान करवाने से मां और बच्चे में प्यार बढता हैं, गर्भाशय, स्तन कैंसर इत्यादि रोगों का खतरा कम होता है, प्रसव के बाद होने वाले रक्त स्त्राव पर नियंत्रण होता है, मां का वजन सही रहता है, ऑल निकलने में मदद मिलती है, लगातार दूध पिलाने से मां की सुन्दरता बनी रहती है, लगातार दूध पिलाने से 6 महीने तक मां मे गर्भ ठहरने की सम्भावना कम होती है, मां को दूध की स्वच्छता व तापमान की चिंता भी नहीं होती
उन्होंने बताया कि स्तनपान बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है और रोगों से बचाता है, मां का दूध सही तापमान पर मिलता है जो पचाने में आसान होता है, कुपोषण से तथा दस्त रोग व निमोनिया आदि से बचाता है, बच्चे के शारारिक व मानसिक विकास की सही वृद्वि होती है, बच्चे में मोटापा कम करता है।
उन्होने अपील की कि इस को सफल बनाने मे सभी सहयोग करें ताकि स्तनपान सही
समय पर नहीं करवाने से उत्पन्न समस्याओं में कमी की जा सके।