April 29, 2025

प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पशुपालकों को किया जा रहा लाभान्वित

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*जिला में आवारा पशुओं को आश्रय देने के लिए 12 गो सदन कार्यरत **आवारा/घायल पशुओं के इलाज के लिए पशु आघात निदान केन्द्र स्थापित **इस वर्ष जिला के 1063 गांवों में पशुओं का किया जाएगा निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान

बिलासपुर / 29 जुलाई / न्यू सुपर भारत न्यूज़

आर्थिकी को सुधारने के लिए पशु पालन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि पशु पालन के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। पशुपालकों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है ताकि लोग अच्छी किस्म के पशु तैयार करके खेतीबाड़ी के साथ-साथ पशु पालन व्यवसाय से भी जुड़ सके।   

जिला बिलासपुर में आवारा/घायल पशुओं के उपचार के लिए पहल करते हुए गत वर्ष जिला में पशु आघात निदान केन्द्र की शुरूआत की गई। इसमें आवारा घायल पशुओं का इलाज किया जा है। इसके अतिरिक्त जिला में पशुपालन विभाग द्वारा इस वर्ष में जून माह तक 42 हजार 597 पशुओं का उपचार तथा 55 पशुओं का बधियाकरण और पशु शल्य चिकित्सा/आपात स्थिति में 775 पशुओं का उपचार किया गया। जिला में आवारा पशुओं को आश्रय देने के लिए 12 गो सदन कार्यरत है जिनमें लगभग 890 पशुओं को आश्रय दिया गया है। इसके अतिरिक्त जिला में श्री नैना देवी जी की ग्राम पंचायत बरोटा-दबवाला और सदर बिलासपुर की ग्राम पंचायत धार टटोह में काऊ सैचुरी प्रस्तावित है जिसकी औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही है।   

जिला बिलासपुर में पशु पालकों को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है ताकि पशुपालकों की आर्थिकी को मजबूत करके उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाया जा सके। जिला बिलासपुर में गत वर्ष 6 हजार 429 पशुओं का पंजीकरण किया गया जबकि इस वर्ष जून तक 5 हजार 717 पशुओं का पंजीकरण किया जा चुका है। पशुओं का मुंह-खुर रोग से बचाव करने के लिए गत वर्ष 1 लाख 52 हजार 526 पशुओं का टीकाकरण किया गया जबकि इस वर्ष में जून माह तक 36 हजार 316 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। गलघोटू व लगड़ा बुखार रोग से बचाव हेतु गत वर्ष 98 हजार 750 पशुओं का टीकाकरण किया गया। पेट के कीडे मारने हेतु गत वर्ष 1 लाख 26 हजार 419 पशुओं को दवाई पिलाई गई जबकि इस वर्ष में जून माह तक 20 हजार 202 दवाई पिलाई जा चुकी है। बाह्य परजीवी को मारने के लिए गत वर्ष 1 लाख 39 हजार 70 पशुओं को दवाई पिलाई गई जबकि इस वर्ष जून माह तक 27 हजार 849 पशुओं को दवाई पिलाई जा चुकी है।   

पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए गाभिन पशु आहार कार्यक्रम (एस.सी.एस.पी.) के अंतर्गत चालू वर्ष में 6 लाख 25 हजार रुपये का पशु आहार 50 प्रतिशत उपदान पर 205 पशुपालकों को 550.80 क्विंटल का पशु आहार उपलब्ध करवाया गया। सामान्य बी.पी.एल. गाभिन पशु आहार कार्यक्रम के अंतर्गत 45 लाख 30 हजार रुपये का पशु आहार 50 प्रतिशत उपदान पर 740 पशु
पालकों को 1 हजार 997 क्विंटल पशु आहार उपलब्ध करवाया गया। 200 चूजे योजना के अंतर्गत 50 अनुसूचित जाति के परिवारों को प्रति लाभार्थी 200 चूजे और चूजो के खाने व पानी के बर्तन, आहार 100 प्रतिशत अनुदान पर वितरित किए जाएंगे जिस पर 6 लाख 66 हजार 660 रुपये व्यय होंगे।   

रूरल बैक्यार्ड गोट योजना के अंतर्गत 80 बी.पी.एल. परिवारों को 880 बकरे/बकरियां 95 प्रतिशत अनुदान पर वितरित करने का कार्य चल रहा है जिसपर 5 लाख 9 हजार 760 रुपये वितरित किए जाएंगे। गत वर्ष कृषक बकरी पालन योजना के अंतर्गत 83 परिवारों को 349 बकरियां वितरित की गई। जिला में इस वर्ष उत्तम पशु पुरस्कार योजना के अंतर्गत 100 परिवारों को लाभान्वित किया
जाएगा जिसपर 1 लाख रुपये व्यय किए जा जाएंगे।   

जिला में 5 हजार ब्राईलर चिक्स स्कीम के अंतर्गत इस वर्ष 5 लाभार्थियों का चयन किया गया है जिनमें से चार लाभार्थियों को 1 हजार चूजे उपलब्ध करवाए जा चुके है। बैक्यार्ड पोल्ट्री चिक्स योजना के अंतर्गत इस वर्ष 30 हजार चूजे 26 रुपये की कीमत पर पशुपालक के घर-द्वार तक उपलब्ध करवाए जाएंगे।   

उप-निदेशक पशु स्वास्थ्य/प्रजनन डाॅ. लाल गोपाल ने बताया कि गत वर्ष जिला के चयनित 300 गांवों में 5 हजार 473 पशुओं का निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया गया। इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत अगस्त, 2020 से 31 मई, 2021 तक जिला के सभी 1063 गांवों में पशुओं का निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा।

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