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हिमाचल दिवस का जिला स्तरीय समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला बिलासपुर के खेल मैदान में हुआ आयोजित


बिलासपुर / 15 अप्रैल / न्यू सुपर भारत

हिमाचल दिवस का जिला स्तरीय समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला बिलासपुर के खेल मैदान में कोविड-19 की मानक संचालन प्रक्रिया की अनुपालना को सुनिश्चित करते हुए हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेश के खाद्य नागिरक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने ध्वजारोहण कर भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली।


समारोह में मौजूद लोगों को शपथ दिलवाते हुए उन्होंने कहा कि अपने पहाड़ी प्रदेश की सांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासत को सहेजते हुए इसके सतत् विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। वैश्विक महामारी कोरोना के विरूद्ध दिशा निर्देशों की अनुपालना के साथ प्रदेश के निरंतर विकास में अपना योगदान देंगे जिससे प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में विशिष्ट पहचान बना सके।  


इससे पूर्व उन्होंने चंगर में स्थित शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि बिलासपुर में इस वर्ष एम्स की कक्षाएं शुरू हो चुकी है और जल्द ही ओपीडी भी शुरू की जा रही है। जिससे पूरे प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा। हिमाचल के चार मेडिकल काॅलेजों में से प्रति वर्ष 750 के करीब डाॅक्टर प्रशिक्षित होंगे जिससे पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य का नेटवर्क सुदृढ़ होगा और लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।


उन्होंने कहा कि महिलाओं की सशक्तिकरण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत 31 हजार रुपये की राशि बेटियों की शादी के लिए प्रदान किए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में जब यह प्रदेश एक पूर्ण राज्य बना तो उस समय प्रदेश में 10 हज़ार 617 किलोमीटर लम्बी सड़कें थीं, साक्षरता दर 31.96 प्रतिशत थी। प्रदेश में 4 हज़ार 693 शैक्षणिक संस्थान तथा 587 स्वास्थ्य संस्थान थे। बिजली की सुविधा भी 3 हज़ार 249 गांवों में उपलब्ध थी।

प्रति व्यक्ति आय भी मात्र 651 रुपये थी। लेकिन वर्तमान में हिमाचल की गिनती खुशहाल एवं प्रगतिशील राज्यों की श्रेणी में की जाती है। प्रदेश में सड़कों की लम्बाई बढ़कर 38 हज़ार 470 किलोमीटर हो चुकी है। 10 हज़ार 508 गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा चुका है। लगभग 99 प्रतिशत पंचायतें सड़कों से जुड़ चुकी हैं। शेष पंचायतों को शीघ्र सड़क से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में शिक्षण संस्थानों की संख्या 15 हज़ार 553 है तथा साक्षरता दर 82.80 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि वृद्धजनों के प्रति आदर-सत्कार का भाव रखते हुए सरकार ने 27 दिसम्बर, 2017 को शपथ ग्रहण समारोह के उपरान्त पहले दिन ही प्रथम मंत्रिमण्डल की बैठक में वृद्धावस्था पेंशन पाने की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया तथा इसकी पात्रता के लिए कोई आय सीमा भी नहीं रखी गई। प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1 लाख 63 हजार 607 नए मामले स्वीकृत किए गए हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1 लाख 36 हजार परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए, जिस पर 21 करोड़ 76 हजार रुपये व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमकेयर के तहत एक परिवार के पांच सदस्यों तक प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है। योजना के तहत अब तक 1 लाख 25 हजार लाभार्थियों को 129 करोड़ 27 लाख रुपये के निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जा चुकी है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए नई राहें-नई मंजिलें योजना आरम्भ की गई है। योजना के अन्तर्गत अब तक 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 4 हजार 417 मकान निर्मित किए जा चुके हैं जिसपर लगभग 60 करोड़ रुपये व्यय किए गए। प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत 10,000 नए आवासों का निर्माण किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि इन वर्षों में अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजकर रखने के साथ-साथ आधुनिकीकरण को भी अपनाया है। जनमंच, मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 और प्रगति पोर्टल व ‘माई गोव’ जैसे नवाचार प्रयास, इस दिशा में उठाए गए महत्त्वपूर्ण कदम हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को खाना पकाने के लिए धुएं भरे चुल्हे से छुटकारा दिलाने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना आरम्भ की गई है। योजना के अन्तर्गत अब तक 2 लाख 91 हजार महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। दिसम्बर, 2019 में ही प्रदेश को चूल्हा धुंआ मुक्त राज्य घोषित किया गया था। इस प्रकार की उपलब्धि प्राप्त करने वाला हिमाचल देशभर में पहला राज्य बन गया है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत 5 हजार 95 हेक्टेयर क्षेत्र को लाया गया है तथा लगभग 1 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। 1134 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना तथा 1000 करोड़ रुपये की एच.पी. शिवा परियोजना चलाई जा रही है जिससे पूरे प्रदेश में बागवानी के नए आयाम स्थापित होंगे।


उन्होंने कोविड-19 की वैक्सिन बनाने वाले वैज्ञानिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि देश आज 59 देशों में वैक्सिन की सप्लाई कर रहा है जोकि एक गौरव की बात है। पी.पी. किट के निर्यात से भी विदेशी मुद्रा हासिल हो रही है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। लिहाजा लोग इसे हलके में न ले और मास्क पहने, उचित सामाजिक दूरी की अनुपालना करें, बार-बार हाथ धोएं तथा सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की अनुपालना करें और लोगों को वैक्सिन लगवाने के लिए भी प्रेरित करें।

इस असवर पर सीमीत रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शारदा कला मंच व लक्ष्मी लोक नृत्य दल ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दी और मुख्यातिथि द्वारा सांस्कृतिक दलों के कलाकारों व परेड में शामिल पुलिस कर्मियों व हिमाचल गृह रक्षकों स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया गया।  


इस मौके पर विधायक सुभाष ठाकुर, विधायक जे.आर. कटवाल, पूर्व विधायक रणधीर शर्मा, नगर परिषद अध्यक्ष कमलेश कश्यप, भाजपा जिला अध्यक्ष स्वतंत्र संख्यान, उपायुक्त रोहित जम्वाल, पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा, सहायक आयुक्त सिद्धार्थ आचार्य, एसडीएम सदर रामेश्वर दास व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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