ऊना / 18 जुलाई / न्यू सुपर भारत
बरसात के मौसम में कई प्रकार के जल जनित रोगों के फैलने की आशंका रहती है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छता के साथ-साथ अपने आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ रखना चाहिए। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला दंडाधिकारी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस, डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियां के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता रहती है।
डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों का मुख्य कारक जहां भिन्न-भिन्न प्रजातियों का मच्छर हैं, तो वहीं स्क्रब टाइफस खेतों, झाड़ियों व घास के संपर्क में आने पर पिस्सुओं के काटने से फैलता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर में एंठन, कंपकपी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें ताकि समय पर रोग का पता लगाकर समुचित व पूर्ण उपचार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बरसाती मौसम में जल जनित रोगों से बचाव के लिए निर्धारित हिदायतों पर अमल करके हम इन रोगों पर काबू पा सकते हैं। बरसात के मौसम में पनपने वाली बीमारियों बारे जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमण कुमार शर्मा ने स्क्रब टाइफस, डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि लोग अपने घरों के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें, घर के चारों ओर घास व खरपतवार नहीं उगने दें, घर के अंदर कीटनाशक दवाओं का छिडकाव करें, गड्डों इत्यादि में पानी जमा न होने दें ताकि उसमें मच्छर न पनप सकें। लोग अपने बदन को ढक कर रखें तथा सप्ताह में कम से कम एक या दो बार कूलर तथा टंकी का पानी जरूर बदलें।
टूटे हुए बर्तन, पुराने टायर, टूटे हुए घड़े इत्यादि को घर के आसपास न रखें ताकि उनमें पानी रुके नहीं। इसके अतिरिक्त मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें तथा बुखार होने पर अपने रक्त की तुरन्त जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि स्क्रब टाइफस, मलेरिया या डेंगू से जुड़े कोई भी लक्षण व्यक्ति में दिखाई दें तो प्रभावित को तुरन्त उपचार के लिए अस्पताल लेकर जाएं।
खड्डों व नदी किनारे न जाने की सलाह उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि मानसून के मौसम में जिला की प्रमुख नदी स्वां के साथ-साथ अन्य खड्डों व नदी-नालों का जल स्तर के बढ़ने की आशंका रहती है। इन जल स्रोतों में जल स्तर के बढ़ने से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना का सामना न करना पड़े, इसके लिए बेहद ही जरूरी है कि प्रत्येक नागरिक सावधानी बरते।
उन्होंने कहा कि ऊना जिला पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का निचला क्षेत्र है जहां ऊपरी इलाकों से जल बहाव के आने की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतते हुए इस मौसम में लोगों को नदी, नालों व खड्डों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपने मवेशियों को भी नदी-नालों से दूर रखने की अपील की है ताकि किसी प्रकार की जान-माल की हानि से बचा जा सके।