नालागढ़ / 14 दिसंबर / न्यू सुपर भारत
तकनीकी व पेशेवर शिक्षा के माध्यम से क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार व्यवहारिक ज्ञान अर्जित कर आत्मनिर्भर बनना समय की जरूरत है ताकि स्थानीय आवश्यकताओं एवं संसाधनों पर आधारित रोजगार एवं स्वरोजगार को अपनाकर बेरोजगारी की चुनौती से निपटा जा सके। यह विचार हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की वरिष्ठ सदस्य डॉ रचना गुप्ता ने दिगल में आयोजित एक जागरूकता कार्यशाला में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
डॉ रचना गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापकों व अभिभावकों को बच्चों के भविष्य जीवन से संबंधित चुनौतियां बारे मार्गदर्शन करना चाहिए ताकि वह लक्ष्य निर्धारित कर उसी विषय में शिक्षा ग्रहण करें जिनका भविष्य में वह पेशेवर उपयोग करना चाहते हैं। इस अवसर पर उन्होंने रोजगार वह स्वरोजगार के विषय में उपस्थित ग्रामीणों तथा युवाओं से सीधा संवाद भी किया तथा उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज विभाग से संबंधित योजनाओं वारे आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से विकास खंड नालागढ़ द्वारा आयोजित इस जागरूकता शिविर में इससे पूर्व लोगों को मनरेगा तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सहित विभिन्न योजनाओं बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी नालागढ़ ओम पाल, स्थानीय पंचायत प्रधान पवन कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत बदोखरी सरस्वती, प्रधान ग्राम पंचायत कयार कनेता रघुराज पराशर,
प्रधान ग्राम पंचायत बायला रचना देवी, प्रधान ग्राम पंचायत चमदार करमचंद, प्रधान ग्राम पंचायत चिल्ड़ मदन लाल, प्रधान ग्राम पंचायत लग प्रेम सागर, प्रधान ग्राम पंचायत कोहू ओम प्रकाश, प्रधान ग्राम पंचायत मलौन गोदावरी देवी, विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा विभिन्न महिला मंडलों की सदस्या गण तथा बड़ी संख्या में नजदीकी क्षेत्रों की महिलाएं उपस्थित थीं।