ऊना, 04नवम्बर ( चब्बा):. मानव जन्म लेकर ईश्वरीय प्रेम का डंका बजा दिया। जिनके हाथ में श्रद्धा की मशाल है, वह अपने पथ से कभी भटक नहीं सकते। उक्त अमृतवचन श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को परम श्रद्धेय अतुल कृष्णमहाराज ने कम्यूनिटी सेंटर ज्वार में व्यक्त किए। महाराज नेबताया कि जैसे करोड़ों उल्लुओं के विरोध से भी सूर्य के अस्तित्वपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसी प्रकार कुछ नास्तिक भगवान सेविमुख होकर अपना ही अकल्याण कर सकते हैं। परमात्मा तब अनुभवमें आता है जब हम युक्तिपूर्वक भजन करते हैं। उन्होंने कहा किअंधकार हमें ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर देता है जबकिप्रकाश हमारी यात्रा को सुगम बना देता है। श्रीमद् भागवत कथामानव जीवन के लिए करोड़ों सूर्यों के समान है। पशु-पक्षियों केपास भी अपने बच्चों के भरण-पोषण एवं परिवार से प्रेम के गुणहोते हैं पर प्रभु को अपना मानकर आत्म कल्याण करने कीसामर्थ्य एकमात्र मनुष्य के पास ही है। आश्चर्य की बात है किराष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री पद से भी अधिक मूल्यवान बहुत सारीवस्तुएं परमात्मा ने हम सब को दी हैं फिर भी हम भगवान काधन्यवाद नहीं करते हैं। महाराजश्री ने कहा कि हम सब ने शरीरके धर्म को आत्मा का धर्म मान लिया है इसीलिए जीव भाव में आकरपरेशान हो रहे हैं। जब हम बार-बार कथा, सत्संग एवं ज्ञान कीबातें सुनते हैं तो मन विषयों से उपराम होकर आत्म स्वरूप मेंस्थिर हो जाता है। कथा में गजेन्द्र मोक्ष, श्रीवामन अवतार का प्रसंग,भगवान श्रीराम का चरित्र एवं भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य की लीलासभी ने अत्यंत श्रद्धा से श्रवण किया। सभी ने नंद महोत्सव मनाते हुएनृत्य कर भगवान के जन्म की एक-दूसरे को बधाई भी दी। ज्वार,लाहड़, गोंदपुर, नलोह, लंबा सैल, नैहरी, पतेहड़, मैड़ी,रक्कड़, चैली, अंब एवं अन्य गांवों के बहुत सारे कथा श्रोताओं सेसारा कथास्थल वृन्दावन ही बन गया लगता है। इस अवसर पर कथाके मुख्य यजमान ओमदत्त शर्मा, सुरेश शर्मा, रविदत्त शर्मा,रमेशचंद एडवोकेट, प्रीतम सिंह अंब, प्रेमचंद रक्कड़, धर्मसिंहचैली, शिवकुमार शर्मा, प्रकाशचंद धीमान सहित अनेक गणमान्यसज्जन उपस्थित रहे।फोटो-04ऊना03व04-ज्वारमें भागवत कथा में प्रवचन करते हुए अतुल कृष्ण महाराज वउपस्थित श्रद्धालु