बिलासपुर / 15 अक्तूबर / एन एक बी न्यूज़
वन स्टॉप सेंटर में शारीरिक व भावनात्मक, आर्थिक दुर्व्यवहार वैवाहिक स्थिति से पीड़ित महिलाओं को सहायता और निवारण के साथ सुविधा प्रदान की जाती है। यह जानकारी उपायुक्त राजेश्वर गोयल द्वारा वन
स्टॉप सेंटर प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने
कहा कि वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य निजी एवं सार्वजनिक स्थानों पर परिवार समुदाय के भीतर और कार्यस्थल पर और 18 वर्ष से कम आयु की हिंसा से प्रभावित हुई किशोरियों व महिलाओं को सहायता प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं को किशोर न्याय अधिनियम 2000 के तहत स्थापित संस्थान और प्राधिकरण यौन अपराध अधिनियम 2012 से बच्चों के संरक्षण को वन स्टॉप सेंटर के साथ जोड़ा गया है। बैठक के उपरांत उन्होने वन स्टॉप सेंटर के कार्य संचालन का निरीक्षण भी किया, जो कि कामकाजी महिला छात्रावास बिलासपुर के कमरा नंबर 106, 107, 108 मे खोला गया है। उन्होने निरीक्षण के दौरान सुझाव दिया कि छात्रावास में एक समुदायिक कक्ष बनाया जाए जिसमें मनोरंजन के लिए एक टीवी व पूजा के लिए स्थान होना चाहिए तथा वन स्टॉप सेंटर के अन्य कमरों में हीटर, गीजर,
सीलिंग फैन तथा मुख्यद्वार पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर की मुरम्मत व रखरखाव हेतु लगभग 2 लाख 68 हजार की राशि व्यय की जा रही है।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अजुंबाला शर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमेश चन्द सांख्यान, संरक्षण अधिकारी एंव केन्द्र व्यवस्थापक रीना चन्देल, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद उर्वशी वालिया, जेई लोनिवि. राजीव शर्मा के अतिरिक्त सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।