November 25, 2024

अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना

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अम्बाला / 12 अप्रैल / न्यू सुपर भारत

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने गत वर्ष की समीक्षा करते हुए अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में केन्द्र सरकार के ऐतिहासिक निवेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीएमएस-एससी स्कीम के फंडिंग पैटर्न में बदलाव के बाद पहली धनराशि जारी की गई है। सरकार ने कुल लगभग  4000 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2020 -21 में जारी किये। इस में सबसे अधिक धनराशि 892.36 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को, उसके बाद महाराष्ट्र को 558 करोड़ रुपये  और आंध्र प्रदेश को 450 करोड़ रुपये जारी किये गए है। यह जानकारी उन्होंने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।


श्री कटारिया ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति के युवाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को पूरी तरह से बदल दिया है। केंद्र और राज्यों के बीच फंडिंग पैटर्न को प्रतिबद्ध दायित्व (कमिटेड लायबिलिटी)सूत्र से बदल कर 60:40 के निश्चित शेयरिंग पैटर्न पर कर दिया गया था  (पूर्वोत्तर के लिए 90:10)  इससे सरकार की प्रतिबद्धता लगभग चार गुणा बढ़ गई है और सरकार  द्वारा .35,534 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है ।

इस योजना के लिए 2025-26 तक यह अनुमान है कि इस अवधि के दौरान अनुसूचित जाति समुदाय के लगभग 4 करोड़ युवा लाभान्वित होंगे। उन्होंने आगे बताया कि योजना में केंद्रीय हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा, सरकार ने डीबीटी प्रणाली का उपयोग करके छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी से बचने के लिए कई प्रक्रिया सुधार लाए हैं।


राज्यमंत्री ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि शिक्षा वह आधारशिला है जिस पर सामाजिक प्रगति की छाप बनती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अधिकतम क्षमता हासिल करने के लिए, अज्ञानता और अंधविश्वास के प्रभावों को दूर करने के लिए, एवं एक व्यक्ति को ढालने में, गुणवत्ता शिक्षा के महत्व पर कई बार जोर दिया है।

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