आरक्षण को बढ़ा कर राजनीतिक रोटियां सेंक रही सरकार
जातिगत आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक आधार आरक्षण लगाए सरकार
सुंदरनगर, 4 जनवरी /राजा ठाकुर/:
संयुक्त मंच के प्रदेश सचिव केएस जमवाल और सुंदरनगर ब्राह्मण सभा के प्रधान जितेंद्र वशिष्ठ ने जारी बयान में कहा कि आरक्षण संविधान में केवल 10 वर्ष के लिए लागू किया गया था। जिसे सभी पूर्व सरकारों ने 70 साल तक 10 10 साल बढ़ा कर के राजनीतिक रोटियां सेंकी है। केंद्र सरकार द्वारा जातिगत आरक्षण को 10 वर्ष और आगे बढ़ाने के विरोध में हिमाचल प्रदेश सामान्य वर्ग संयुक्त मंच ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक संयुक्त ज्ञापन उपमंडल अधिकारी सुंदरनगर के माध्यम से भेजा है।
संयुक्त मंच ने ज्ञापन में केंद्र सरकार को तथा प्रदेश सरकार को इस जातिगत आरक्षण रूपी नासूर को तुरंत बंद करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने भी इसका अनुशरण करते हुए आरक्षण को 10 साल आगे बढ़ाने के लिए उतावली हो गई है। उन्होंने इस जातिगत आरक्षण को तुरंत समाप्त कर इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करने का आग्रह किया। संयुक्त मंच ने चेतावनी देते हुए आदोलन की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण सामान्य वर्ग प्रदेश व देश व्यापी संघर्ष को और तेज गति देने के लिए मजबूर हो जाएगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री इस पर स्वयं विस्तृत विश्लेषण कर इसे तुरंत समाप्त करने की घोषणा करने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह सरकार तो पहले की सरकारों से भी अधिक नित नए घातक व अलोकतांत्रिक निर्णय लेने पर आमादा हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारें जातिगत आरक्षण की आड़ में व एससी एसटी वर्ग के तुष्टीकरण हेतु हर प्रकार से सामान्य वर्ग के युवाओं व छात्रों में फीस व स्कॉलरशिपस से लेकर उच्च शिक्षा के चयन प्रक्रिया तक असमानता का जहर घोलने में जुटी है।