शिमला / 31 मार्च / न्यू सुपर भारत ///
हिमाचल प्रदेश में चुनाव को लेकर सियासी पारा ऊपर चढ़ गया है. बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से बगावत करने वालों को टिकट देकर उपचुनाव में उतार दिया है. इसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी के भीतर टिकट को लेकर बगावती सुर नज़र आने लगे हैं. यदि चुनाव से पहले कोई भी पक्ष विद्रोह करता है, तो दूसरा पक्ष इसका पूरा फायदा उठाएगा।
कांग्रेस को बीजेपी के साथ चल रहे झगड़े से संतुष्ट होना चाहिए. लेकिन विपक्षी की कलह भी कांग्रेस को परेशान कर रही है. कांग्रेस की परेशानी की वजह भाजपा नेता ही हैं, वह अब कांग्रेस में संभावनाएं तलाश रहे हैं।
अगर चुनाव के दौरान कांग्रेस उन्हें पार्टी में शामिल करती है तो निश्चित तौर पर कांग्रेस में भी विरोध होगा. लोकसभा उपचुनाव और हिमाचल प्रदेश में छह सीटों पर उपचुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस के सामने एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हैट्रिक लगाने से रोकने की चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ उपचुनाव जीतकर सरकार बचाने की भी जिम्मेदारी है.
कांग्रेस आलाकमान और राज्य नेतृत्व चुनाव से पहले पार्टी के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। इस बगावत से पार्टी को नुकसान न हो, इस पर काम शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी टिकट को लेकर नए सिरे से सर्वे शुरू कर दिया है.