ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्रदेश में विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों को वितरित की गई 10 करोड़ रुपये की राशि
शिमला/04 अक्तूबर /एनएसबी न्यूज़
ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्रदेश में विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों को 10 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। यह जानकारी आज शहरी विकास, नगर नियोजन एवं आवास मंत्री सरवीण चैधरी ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के अंतर्गत होटल हाॅलीडे होम में एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत सुपर 111 अभियान का शुभारंभ करने के उपरांत अपने संबोधन में दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन के निपटान के लिए 111 दिन का लक्ष्य तय किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत जो कार्य चल रहे हैं, उसमें सुधार लाने तथा गति प्रदान कर उसे 111 दिनों में पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में विभिन्न शहरी निकायों को 47 बेलिंग मशीन, 10 ट्राॅमल मशीन तथा 54 सैनेटरी इंसीनेटरस प्रदान की गई है। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने तथा अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों के गहनता से निगरानी करने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि अभियान की पूर्ति के उपरांत प्रदेश की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले को और व्यक्तियों को विभिन्न स्तरों पर सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिमला व धर्मशाला में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 322 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अमृत मिशन के तहत 166 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के तहत 26 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 52 करोड़ रुपये तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत 26 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश में विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों को उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने कहा कि सुपर 111 अभियान को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए पिं्रट व इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, सोशल मीडिया की सहायता प्राप्त की जाएगी। इसके अतिरिक्त सकूल, काॅलेज, महाविद्यालय तथा अन्य सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं को सम्मिलित किया जाएगा। विभिन्न स्तरों पर प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, नारा-लेखन आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से अभियान को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा, ताकि स्वच्छ भारत के ध्येय की पूर्ति हो सके।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश देश के अन्य क्षेत्रों से बेहतर प्रदर्शन कर श्रेष्ठता सूची में आंका जाए, इसके लिए सरकार के साथ-साथ लोगों को भी व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसके द्वारा हम कचरे रहित नए भारत की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त प्रधानमंत्री की नई संकल्पना के लिए सभी को अपना भरपूर सहयोग देना होगा ताकि हम पर्यावरण, मानव व पृथ्वी के स्वास्थ्य को भी संरक्षित कर सकें।
कार्यक्रम में शहरी विकास विभाग के साथ आज एसीसी बरमाणा, बिलासपुर तथा अंबुजा सीमेंट दाड़लाघाट, सोलन ने समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत सीमेंट प्लांट नाॅन रिसाईकेबल और नाॅन बायोडिग्रेडेबल कूड़े को शहरी नगर निकायों से निःशुल्क एकत्र करेगा, जिसे सीमेंट प्लांट में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी व सीसीआई राजबन के साथ भी समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इसके तहत एसीसी बरमाणा, जिला बिलासपुर, जिला मण्डी व जिला कुल्लू के 14 शहरी स्थानीय निकायों तथा अंबुजा सीमेंट कम्पनी जिला सोलन, जिला शिमला व जिला कांगड़ा के कुल 23 शहरी स्थानीय निकायों से ठोस एवं तरल कचरा एकत्र करेगा।
कार्यशाला में शहरी विकास मंत्रालय के सहायक सलाहकार सतीश माने ने संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में शहरी विकास विभाग के निदेशक रामकुमार गौतम ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। सचिव शहरी विकास सी.पालरासु ने अपने संबोधन में शहरी विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया।
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