कृषि सुधारों से विधेयकों व श्रम सुधारों से संबधित विधेयकों के परिणामस्वरूप देश में आगामी दस वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में होगी चार गुणा वृद्धि :रत्नलाल कटारिया
अम्बाला, 1 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़:-
केंद्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि कृषि सुधारों से विधेयकों व श्रम सुधारों से संबधित विधेयकों के परिणामस्वरूप देश में आगामी दस वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में चार गुणा वृद्धि होगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किए जाने की दिशा में कृषि क्षेत्र से संदर्भित तीन विधेयक पारित किए गए। इसी क्रम में श्रम सुधारों की दिशा में भी तीन विधेयक पारित किए गए। किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने तथा संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में पारित किए गए उक्त विधेयकों से स्पष्ट संदेश है कि केंद्र सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं में किसान वर्ग व श्रमिक वर्ग का उत्थान, कल्याण व विकास प्रमुख रूप से शामिल है।
केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि किसान व श्रमिक देश के आर्थिक तंत्र की रीढ़ हैं। किसान वर्ग व श्रमिक वर्ग के आर्थिक रूप से सुदृढ होने के परिणामस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व परिवर्तन होगा। कृषि सुधारों व श्रमिक सुधारों से संदर्भित पारित किए गए तीन-तीन विधेयकों के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देश में वर्तमान की 2500 डालर प्रति व्यक्ति आय बढक़र आगामी पांच वर्षों में 10,000 हजार डॉलर प्रति व्यक्ति हो जाएगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र से संदर्भित पारित किए गए तीन विधेयकों का विरोध कर रही कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में यह तीनों विधेयक शामिल रहे हैं। कृषि सुधारों से संदर्भित इन तीनों विधेयकों के विरोध से कांग्रेस की किसानों को लेकर अपनाई जा रही दोहरी नीति जनता के बीच में नकारी जा चुकी है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार इन विधायको के संदर्भ में कुछ नहीं कर सकी थी। आज जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने कृषि सुधारों के विधेयक पारित कर दिए तो कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों द्वारा किया जा रहा विरोध पूर्णतया आधारहीन व अर्थहीन है।
श्री कटारिया ने कहा कि कांग्रेस व उनके सहयोगियों ने जनधन योजना, राफेल, सर्जिकल स्ट्राइक, वस्तु एवं सेवाकर, नजरबंदी, डीजीटल भुगतान प्रणाली आदि सभी का विरोध किया। लेकिन जनता द्वारा नकार दिए जाने के उपरांत कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों का कार्य मात्र विरोध करना ही रह गया है।
सदनों द्वारा कोई काम नहीं करने के कांग्रेस के वक्तव्य पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकसभा द्वारा 168 प्रतिशत व राजसभा द्वारा 100.16 प्रतिशत कार्य किए जाने के उपरांत कांग्रेस के पास क्या आधार है कि सदनों द्वारा काम नहीं किया जाता। यदि कांग्रेस लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं का पालन करती तो सदनों में बहस करती। इसके विपरीत किसानों को भ्रमित कर रही है। परंतु किसानों को स्पष्ट हो गया है कांग्रेस की ही नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र बेहद कमजोर हुआ है और आज जब कृषि क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि के लिए विधेयक पारित हुए तो उनका विरोध कर स्पष्ट कर कर दिया वे प्रारंभ से ही किसान विरोधी हैं