बिलासपुर / 28 दिसम्बर / एन एस बी न्यूज़
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग बिलासपुर द्वारा एचआईवी. एड्स दिवस जागरुकता अभियान 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बिलासपुर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षक प्रवीण शर्मा ने बताया कि एचआईवी एड्स आज भी एक लाईलाज बीमारी है।
उन्होने बताया कि एच आई वी किसी को भी हो सकता है। सही जानकारी से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।
उन्होने बताया कि यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध द्वारा, संक्रमित मां से शिशु को, संक्रमित रक्त चढ़ाने से तथा संक्रमित सुई व सिरिंज के उपयोग से ही हो सकता है। उन्होने बताया कि यह बीमारी किसी के साथ खाना खाने से, एक साथ रहने से, काम करने से तथा मच्छर के काटने से नहीं फैलती।
उन्होने बताया कि गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान अपना एचआईवी परीक्षण अवश्य कराएं तथा प्रसव चिकित्सालय में ही करवाएं। संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव ना करें। उन्होने बताया कि इस बीमारी के लक्षण शरीर का बजन अचानक कम होना, रात के समय पसीना आना, एक माह से ज्यादा दिनों तक दस्त और बुखार रहना, मुंह के छालों का ठीक ना होना इत्यादि लक्षण हो सकते हैं।
उन्होने बताया कि एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं जिनमें सभी जिला मुख्यालयों में एकीकृत परामर्श एवं जांच केंद्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एफआईसीटीसी केंद्र खोले गए हैं। जिनमें एचआईवी एड्स पर निशुल्क सलाह, मुफ्त जांच एवं परिणाम गुप्त रखे जाते हैं। उन्होने बताया कि सभी स्वास्थ्य उप केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को एच आई वी जांच की सुविधा प्रदान की गई जा रही है।
उन्होने बताया कि सभी जिला अस्पतालों में लिंक एआरटी केंद्र खोले गए हैं। जिनके माध्यम से लोगों को निशुल्क एआरटी की दवाएं दी जा रही है। उन्होने बताया कि यौन रोगों के उपचार के लिए सभी जिला मुख्यालयों में यौन रोग उपचार केंद्रों की स्थापना की गई है। यहां पर यौन रोगों की दवा और मुफ्त सलाह दी जाती है। उन्होने बताया कि एडस के बारे मे जानकारी प्राप्त करने के लिए निशुल्क फोन सेवा 1097 आरम्भ की गई है, कोई व्यक्ति इस मुक्त सेवा पर फोन करके एचआईवी और यौन रोग संबंधी संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकता है। एचआईवी प्रभावित बच्चों के लिए सरकार द्वारा शिक्षा व जीवन यापन संबंधी अन्य आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। जो आयु के अनुसार इस प्रकार है 3 वर्ष तक प्रतिमाह 300 रूपये, 4 से 6 वर्ष 400
रूपये, 7 से 9 वर्ष 500 रूपये, 10 से 12 वर्ष 600 रूपये, 13 से 15 वर्ष 700 रूपये तथा 16 से 18 वर्ष तक 800 रूपये की राशि प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाती है। उन्होने बताया कि इसके लिए संबंधित जिला चिकित्सा अधिकारी व खंड चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर सकते है।
इस अवसर पर समूह अनुदेशक राकेश कुमार, अनुदेशक नरेन्द्र कुमार सहित लगभग
165 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी को रेड रिबन भी लगाए गए तथा आईईसी सामग्री का भी वितरण किया गया।