फतेहाबाद / 13 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत
हरियाणा सरकार की पराली प्रबंधन पर खास नजर है। इसे लेकर सरकार समय-समय पर जिला उपायुक्तों के साथ बैठक कर रही है। यही वजह है कि अभी तक पिछले साल की अपेक्षा राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में काफी हद तक कमी आई है।
इसमें अधिक कमी कैसे लाई जाए, इसे लेकर कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा व निदेशक डॉ. हरदीप सिंह की अध्यक्षता में गत दिवस देर सायं प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों व कृषि विभाग के अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित कर उचित दिशा-निर्देश जारी किए। साथ ही प्रदेश में अब तक दर्ज 247 घटनाओं के सत्यापन के भी निर्देश दिए। वहीं, अब प्रदेश में फसल अवशेष जलाने वालों पर भी निगरानी रखते हुए जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए है।
उन्होंने बताया कि चालू वर्ष के दौरान राज्य में अब तक 6845 व्यक्तिगत श्रेणी की मशीनें और 2074 सीएचसीएस में 7949 मशीनें खरीदी जा चुकी है। इनका भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। अब फसल अवशेष जलाने के खतरों को रोकने के लिए इन मशीनों का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है। सभी मशीनों को भारत सरकार द्वारा विकसित एंड्राइड मोबाइल एप फार्मर पर पंजीकृत किया जाना चाहिए। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके मशीनों को किराए पर लेने के लिए जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। अब तक कुल 49166 में से 23150 मशीनों का पंजीकरण किया जा चुका है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त महावीर कौशिक ने कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा को जिला में धान की पराली प्रबंधन को लेकर किए गए प्रबंधों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला में डीएपी की कोई कमी नहीं है।
वीसी उपरांत उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में डीएपी, यूरिया की कमी ना रहे, इसके लिए पुख्ता प्रबंध करें। इसके अलावा फसली अवशेषों के प्रबंधन करने बारे भी किसानों को जागरूक करते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. राजेश सिहाग, संदीप सिवाच आदि मौजूद रहे।