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वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये किए जाएंगे व्यय

शिमला / 21 सितम्बर / न्यू सुपर भारत

वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे, जिस पर 250 लाख कार्य दिवस अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह विचार ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री विरेन्द्र कंवर ने राज्य स्तरीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा हिपा में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान व्यक्त किए।

उन्हांेने बताया कि वर्ष 2021-22 में अब तक मनरेगा के अंतर्गत 158 लाख कार्य दिवस अर्जित किए जा चुके हैं, जिस पर लगभग 550 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में अब तक एक लाख 66 हजार कार्य आरम्भ किए जा चुके हैं, जिसमें से एक लाख 22 हजार कार्य प्रगति पर है तथा 44 हजार 603 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के सभी अपूर्ण कार्यों को 15 नवम्बर, 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी अधिकारियों को गांव से गरीबी खत्म करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है तथा अधिकारियों को पंचायत वार एक साल पांच बड़े काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना आवश्यक है, जिससे एक साल में पंचायत के 25 कामों को पूर्ण किया जा सके तथा साल के अंत में इसका आकलन कर सर्वश्रेष्ठ विकास खण्ड को सम्मानित भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 100 पंचवटी पार्कों का निर्माण मनरेगा कन्वरजेंस से किया जा रहा है तथा प्रदेश में 166 सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं का चयन किया गया है, जिन्हें विकसित करके आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सभी सम्बद्ध विभागों के साथ अभिसरण करके अगले वर्ष 300 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे तथा सभी पंचायतों में जीआईएस प्लांनिग लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों में नेशनल मोबाईल माॅनिरिंग सिस्टम को इसी वर्ष आरम्भ करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक आजीविका मिशन के तहत 26 हजार 90 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है, जिसमें 2 लाख 8 हजार से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 100 हिम ईरा दुकानें खोलने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 70 दुकानों के लिए साईटों की पहचान की जा चुकी है तथा 31 हिम ईरा दुकानें शुरू की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत 8 हजार 518 उम्मीदवारों को पंजीकृत किया गया है, जिसमें से राज्य के 5 हजार 344 ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा 3 हजार 48 लोगों को नौकरियों पर नियुक्त किया गया है। योजना के अंतर्गत प्रदेश में 22 हजार ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जाना है।  

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2021-22 के लिए 3 हजार 514 आवासों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिस पर लगभग 52 करोड़ 71 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 1257 आवासों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिस पर 18 करोड़ 86 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। योजना के अंतर्गत प्रथम किस्त के रूप में 9 करोड़ 43 लाख रुपये जिलों को जारी की जा चुकी है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 25 हजार 719 शौचालयों के लक्ष्य में से अब तक 1850 शौचालय का निर्माण किया जा चुका है। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन हेतु कुल 5 हजार 338 गांव को चयनित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 2 हजार 640 गांव का चयन कर 853 गांव में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन गतिविधियां आरम्भ की जा चुकी है।

इस अवसर पर उपस्थित सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संजीव भटनागर ने विभागीय गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया तथा कहा कि मुख्यमंत्री लोक भवन योजना के अंतर्गत 68 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 78 लोक भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए 2 हजार 190 लाख रुपये की राशि आवंटित की जा चुकी है।

निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा विभागीय अधिकारियों के साथ बेहत्तर समन्वय स्थापित कर विभाग को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा मनरेगा, बजट आश्वासन, एनआरएलएम, मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना में प्रेजेन्टेशन दी गई तथा विभागीय उपलब्धियों व बाधाओं को मंत्री के समक्ष रखा गया।  

इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक हिपा ज्योति राणा, संयुक्त निदेशक पंचायती राज सुरेन्द्र माल्टु, संयुक्त निदेशक ग्रामीण विकास रोबिन ज्योरज, संयुक्त निदेशक पंचायती राज सतीश शर्मा, सीईओ एचपीएसआरएलएम अनिल शर्मा, विभिन्न जिलों के अतिरिक्त उपायुक्त, परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजय भगवती, विभिन्न खण्ड विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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