संयुक्त राष्ट्र दिवस व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के दृष्टिगत लगाया गया एक कानूनी जागरूकता शिविर
अम्बाला / 24 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत
लीगल ऐड पेनल अधिवक्ता संजीव जौली ने गांव पंजलासा में अतिरक्त सिवल जज सीनियर डिवीजन कम चेयरपर्सन सब डीवीजनल लीगल सर्विस कमेटी, नारायणगढ़ के निर्देशानुसार संयुक्त राष्ट्र दिवस व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के दृष्टिगत एक कानूनी जागरूकता शिविर लगाया गया।
इस अवसर पर लीगल ऐड पेनल अधिवक्ता संजीव जौली ने गाँव पंजलासा में उपस्थित लोगो को बताया की दुसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया को तीसरे महायुद्ध से बचाने के लिए एक संगठन की स्थापना का विचार रखा गया।
इस दिशा में किए गए प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का विचार मूर्त रूप ले पाया और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र तैयार किया गया और इसे 24 अक्टूबर 1945 को लागू किया गया। इस तरह 24 अक्टूबर को प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा की इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र दिवस की 76वीं वर्षगांठ है और 24 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर अधिवक्ता संजीव जौली ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बारे में कानूनी सेवाओं की जानकारी दी और कहा कि नलसा योजना 2015 के अंतर्गत जागरूकता अभियान का उदेश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने, उन्हें सम्बन्धित सुविधाओं का लाभ प्रदान करवाने व उन्हें प्राधिकरण से मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध करवाना है।
जौली ने बताया कि भवन निर्माण कार्यों में मिस्त्री, बेलदार, सफेदी करने वाले, पेंटर, पत्थर लगाने वाले, लेंटर डालने वाले आदि असंगठित क्षेत्र के मजदूर कहलाते है। ऐसे श्रमिक अपना पंजीकरण श्रम विभाग में करा सकते है और सरकार दवारा जारी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।
अधिवक्ता संजीव जौली ने बताया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे से मजदूरी करवाना बालश्रम अधिनियम-1986 के अंतर्गत कानूनी अपराध है। इस अवसर पर निवर्तमान सरपंच नीतू, सरपंच पति संजीव कुमार, सुरिंदर कुमार, सुमन व गाँव के काफी लोग मौजद रहे।