निजी विश्वविद्यालय में गत 9 माह से वेतन न मिलने से परेशान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
इंदौरा 8 नम्बर (विकास). काठगढ़ में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में गत 9 माह से वेतन न मिलने से परेशान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शुक्रवार को 8वें दिन भी हड़ताल पर बैठे रहे। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें हड़ताल पर बैठे हुए 8वां दिन है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है, जिससे कर्मचारियों में रोष है। वेतन न मिलने से हताश कर्मचारियों ने युनिवर्सिटी के मुख्य गेट के बाहर रोष प्रदर्शन किया व युनिवर्सिटी के कुलपति, उपकुलपति व रजिस्ट्रार सहित युनिवर्सिटी प्रबंधन के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाए।
उपेक्षा व शोषण का शिकार हो रहे कर्मचारी
कर्मचारियों ने कहा कि जहां वे युनिवर्सिटी प्रबंधन की तरफ से उपेक्षा व शोषण का शिकार हो रहे हैं, वहीं सरकार के भी किसी नुमाइंदे ने उनकी कोई खैर-खबर लेना जरूरी नहीं समझा। हड़ताल पर बैठे 80 से अधिक कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से बताया कि युनिवर्सिटी प्रबंधन से वे अपनी समस्याओं के हल की गुहार लगाने गए थे लेकिन प्रबंधन ने उनके साथ कथित रूप से बदसलूकी की है, जिसका शिकायत पत्र पुलिस थाना इंदौरा में दिया गया है।
14 नवम्बर तक नहीं मिला वेतन तो युनिवर्सिटी में जड़ेंगे ताला
उक्त कर्मचारियों ने प्रबंधन को दोटूक चेतावनी दी है कि यदि 14 नवम्बर तक उनके वेतन की अदायगी न की गई तो वे युनिवर्सिटी के मुख्य गेट व अन्य कार्यालयों पर ताला जड़ देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी युनिवर्सिटी प्रबंधन, प्रशासन व सरकार की होगी। बता दें उक्त कर्मचारी 31 अक्तूबर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हड़ताल पर बैठ हुए हैं।
सरकार ने रोकी है स्कॉलरशिप राशि : वीसी
वहीं निजी विश्वविद्यायल के उपकुलपति ने कहा कि प्रदेश सरकार ने युनिवर्सिटी की लगभग 8 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप फीस की राशि रोक रखी है जबकि प्रदेश के बाहर के संस्थानों को सरकार स्कॉलरशिप की राशि दे रही है और अपने संस्थानों की राशि के रोके जाने के चलते युनिवर्सिटी प्रबंधन को उक्त कर्मचारियों के वेतन की अदायगी में मुश्किल पेश आ रही है। इन्वैस्टर मीट के बाद युनिवर्सिटी का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश सरकार से मिलेगा और बुधवार को कर्मचारियों को वेतन कब दिया जाएगा, इसकी तिथि निर्धारित कर दी जाएगी
इंदौरा की विधायक रीता धीमान ने कहा कि कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना अनुचित है। सरकार ने राशि क्यों रोकी है, इस बारे मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से बात की जाएगी। यह निजी विश्वविद्यालय है, प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन देने के उत्तरदायित्व का स्वयं निर्वहन करना चाहिए। कर्मचारियों की समस्या सुनने मैं स्वयं मौके पर जाऊंगी।
फोटो 1 निजी विश्वविद्यालय में गत 9 माह से वेतन न मिलने से परेशान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए