कोविड-19 के दृष्टिगत आवश्यक आदेश
सोलन / 24 मार्च / न्यू सुपर भारत
जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला दण्डाधिकारी सोलन केसी चमन ने जिला में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा 33 और 34 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार यदि सार्वजनिक स्थानों विशेष रूप से शिक्षण संस्थानों, बस अड्डा, बैंक, पार्क, अस्पताल अथवा डाकघर इत्यादि में कोई व्यक्ति बिना मास्क के पाया गया या थूकता हुआ पाया गया तो नियमानुसार उसका चालान किया जाएगा। मास्क उचित प्रकार से पहनना अर्थात नाक के ऊपर से ठोडी तक पहनना अनिवार्य होगा।
सभी सेवा प्रदाताओं को ‘नो मास्क नो सर्विस’ के सिद्धान्त की पालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। सेवा प्रदाताओं एवं उनके कर्मचारियों को स्वयं भी मास्क पहनना होगा और यह सुनिश्चित बनाना होगा कि उनके परिसर में बिना मास्क आने वाले तथा सेनिटाइजर का प्रयोग न करने वाले ग्राहकों को सेवा प्रदान न की जाए।
यदि कोई सेवा प्रदाता इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसके परिसर (दुकान, ढाबा, होटल, रेस्तरां इत्यादि) को 24 घण्टे के लिए बन्द कर दिया जाएगा। रेहड़ी अथवा फड़ी धारकों द्वारा इस नियम का उल्लंघन करने पर रेहड़ी एवं फड़ी को सामान सहित 24 घण्टे के लिए जब्त कर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। इस विषय में जिला के सभी उमण्डलाधिकारी, पुलिस के अधिकारी और जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामले नियन्त्रक सक्षम होंगे।
जिला के सभी उपमण्डलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों, नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत, व्यापार मण्डल, होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों व सेवा प्रदाताओं के साथ बैठक कर ‘नो मास्क नो सर्विस’ नीति की पालना सुनिश्चित बनाएं।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार यदि किसी सरकारी अथवा निजी बस या टैक्सी में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क पहने पाया गया तो ऐसे वाहन को 24 घण्टे के लिए जब्त कर लिया जाएगा। सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्य के लिए सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी, पुलिस अधिकारी तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सक्षम होंगे।
कोविड-19 परीक्षण के लिए सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी व खण्ड चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी छात्रावास युक्त विद्यालयों, सरकारी व निजी विद्यालयों, होटल, ढाबों, सरकारी व निजी कार्यालयों की सूची तैयार करेंगे।
छात्रावास युक्त विद्यालयों के कर्मचारियों व विद्यार्थियों का कोविड-19 परीक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। यदि कोविड-19 परीक्षण के लिए कोई भी सेवा प्रदाता, होटल अथवा ढाबा संचालक अपना व अपने कर्मचारियों का सैम्पल देने से मना करता है तो ऐसे परिसर या होटल, ढाबा को तब तक के लिए बन्द कर दिया जाएगा जब तक यह सुनिश्चित नहीं होता कि उस होटल अथवा ढाबा में कार्यरत समस्त कर्मचारी कोरोना नेगेटिव हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश दिए हैं कि जिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, फ्रन्ट लाईन वर्करों तथा नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत में कार्यरत सफाई कर्मचारियों का कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण न हुआ हो तो एक माह में इनका एक बार कोरोना टेस्ट (आरटीपीसीआर) करवाना अनिवार्य होगा। कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर आरटीपीसीआर परीक्षण करवाना अनिवार्य होगा।
कोरोना पाॅजिटिव व्यक्तियों के सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर 3 से 4 व्यक्तियों की टीम गठित करेंगे। यह टीम सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी की देखरेख में कार्य करेगी। किसी व्यक्ति का कोविड-19 परीक्षण पाॅजिटिव पाए जाने की स्थिति में यह टीम त्वरित कार्यवाही करते हुए कोविड-19 पाॅजिटिव व्यक्ति से दूरभाष पर सम्पर्क स्थापित कर उसके सम्पर्क में आए कम से कम 20 व्यक्तियों की सूची तैयार करेगी।
किसी व्यक्ति से सम्पर्क न हो पाने की स्थिति में यह टीम आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता की सहायता ले सकती है। आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता उस व्यक्ति के आवास पर जाकर कोरोना मानकों के तहत उचित दूरी बनाते हुए सम्पर्कों की सूचना एकत्र करेगी। सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी को इस कार्य के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मिलत करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश दिए हैं कि जो अधिकारी अथवा कर्मचारी 5 या उससे अधिक दिवस का अवकाश अर्जित करेंगे, वह अवकाश अर्जित करने के उपरांत अपने कार्यालय (सरकारी अथवा निजी, शैक्षणिक संस्थान, कंपनी, उद्योग इत्यादि) में उपस्थित होने के समय अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट कार्यालय के उच्च अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे।
यदि किसी शैक्षणिक संस्थान में 05 से अधिक कोविड-19 पाॅजिटिव मामले पाए जाते हैं तो ऐसे संस्थान को 48 घण्टे के लिए सेनिटाइज करने एवं पाॅजिटिव व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगांे का पता लगाने के लिए बन्द रखा जाएगा। यदि किसी औद्योगिक इकाई में 10 से अधिक व्यक्ति कोविड-19 पाॅजिटिव पाए जाते हैं तो ऐसी औद्योगिक इकाई के उस विशिष्ट भाग अथवा क्षेत्र को 24 घण्टे के लिए सेनिटाइज करने एवं पाॅजिटिव व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगांे का पता लगाने के लिए बन्द रखा जाएगा।
जिला के सभी शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन कक्षाएं समाप्त होने के उपरान्त सम्पूर्ण शिक्षण संस्थान को सेनिटाइज करना सुनिश्चित बनाएं।
जिला की समस्त औद्योगिक इकाईयों के प्रबन्धन को आदेश दिए गए हैं कि वह प्रतिदिन प्रत्येक शिफ्ट के उपरान्त सभी छुए जाने वाली सतहों और वस्तुओं को सेनिटाइज करें। जिला के समस्त कार्यालयों (सरकारी एवं निजी) को आदेश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन कार्य समाप्ति के उपरान्त सभी छुए जाने वाली सतहों और वस्तुओं को सेनिटाइज करें।
सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन को आदेश दिए गए हैं कि अर्की व परवाणू क्षेत्र में चिन्हित कोविड केयर केन्द्रों को पुनः सक्रिय किया जाए और औद्योगिक इकाईयों की आइसोलेशन सुविधा को भी पुनः तैयार रखा जाए।
इन आदेशों के अनुसार कन्टेनमेंट अथवा सूक्ष्म कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित करने के लिए सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी सक्षम हांेगे। यदि किसी क्षेत्र के समीप के दायरे में 50 से अधिक कोविड-19 पाॅजिटिव मामले पाए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में ऐसे क्षेत्र को कन्टेनमंेट जोन जिला दण्डाधिकारी द्वारा घोषित किया जाएगा।
यदि किसी कोविड-19 पाॅजिटिव रोगी के पास होम आइसोलेशन की सुविधा न हो अथवा यदि कोई कोविड-19 पाॅजिटिव रोगी होम आईसोलेशन के नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसे कोविड केयर केन्द्र अथवा क्वारेनटीन केन्द्र में भेज दिया जाएगा।
होम आईसोलेशन में रह रहे कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों के स्वास्थ्य की निगरानी एवं स्थिति जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के अतिरिक्त जिला आपातकालीन नियन्त्रण केन्द्र में कार्यरत कर्मचारी भी प्रतिदिन दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क करेंगे।
सभी उपमण्डलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सभी प्रकार के आयोजनों के लिए जिला दण्डाधिकारी कार्यालय सोलन द्वारा 27 नवम्बर, 2020 को जारी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाएं एवं ऐसे आयोजनों के लिए ली जाने वाली अनुमति के बारे में पहले से तैयार साॅफ्टवेयर को सक्रिय करें।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश दिए हैं कि किसी भी प्रकार के उत्सव, मेले, धार्मिक आयोजन विशेष रूप से होली के त्यौहार में सभा एवं भीड़-भाड़ की अनुमति नहीं होगी। होली का त्यौहार अपने-अपने निजी स्थान पर ही मनाया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर एक-दूसरे पर पानी अथवा रंग फैंकना या लगाना पूर्णतः प्रतिबन्धित है।
पुलिस अधीक्षक सोलन एवं पुलिस अधीक्षक बद्दी को निर्देश दिए गए हैं कि वे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस के जवानों की तैनाती सुनिश्चित बनाएं ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
यदि कोई भी व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, आपदा प्रबन्धन अधिनियम की धारा 51 से 60 तथा अन्य उचित धाराओं के तहत विधि सम्मत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं एवं आगामी आदेशों तक जारी रहेंगे।