उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में जिला के राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक का आयोजन
शिमला / 23 फरवरी / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज यहां जिला के राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राजस्व विभाग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के महत्वकांक्षी जनमंच कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 19वें जनमंच तक की सभी समस्याओं का निपटारा किया जा चुका है तथा करयाली में आयोजित जनमंच की 45 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है तथा बाकि बची शिकायतों का जल्द ही निपटारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला में सुगम सुविधा के अंतर्गत 1 अक्तूबर, 2020 से अब तक ई प्रमाण के 8 हजार 226 प्रमाण पत्र, 24 हजार 265 नकल तथा हिमरिस के 3 हजार 127 पंजीकरण किया गया है, जिसके तहत लगभग 12 लाख रुपये अर्जित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ई-समाधान के अंतर्गत अक्तूबर, 2020 से अब तक 412 शिकायतें प्राप्त की जा चुकी है, जिसमें से 402 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है।
उपायुक्त ने अधिकारियों को आम आदमी की जनमंच, ई-समाधान एवं अन्य माध्यमों से मिल रही समस्याओं का समयबद्ध निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिले के समस्त उपमण्डलाधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा राजस्व अपील एचपीपीपीएल अधिनियम, सड़क किनारे नियंत्रण अधिनियम, सीमांकन, राजस्व प्रविष्टियोें में सुधार, अतिक्रमण, परिवर्तन व बंटवारा आदि के अधिकतर मामलों का निपटारा किया जा चुका है तथा लम्बित मामलांे को जल्द से जल्द निपटारा करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को जिला में बन रहे राजस्व सदनों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि विभाग को इसका लाभ प्राप्त हो सके। जिले में विभिन्न स्थानों पर बनने जा रहे गौसदन का कार्य भी शुरू करने के आदेश दिए ताकि इससे आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान मिल सके।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत की जाने वाली वसूली को प्राथमिकता के आधार पर एक महीने के भीतर की जाए ताकि गलत खातों में जमा राशि वापिस सरकार को जमा हो सके।
उन्होंने समस्त उपमण्डलाधिकारियों को क्षेत्र में जारी शस्त्र लाईसेंस की जांच करने के आदेश दिए तथा अवैध रूप से बने लाईसेंस को खारिज करने को कहा गया ताकि इसका दुरूपयोग न हो।
उन्होंने जिला में किराये पर चल रहे सभी तहसील तथा उप-तहसील कार्यालय का ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा तथा क्षेत्र में कार्यालय निर्माण के लिए भूमि का चयन कर भेजने के आदेश दिए ताकि विभाग के अपने कार्यालयों को बनाया जा सके।
उन्होंने उपमण्डलाधिकारियों को क्षेत्र में अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ निरंतर बैठक कर प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिए ताकि विकासात्मक कार्यों में विलम्ब उत्पन्न न हो।
उन्होंने जिला के समस्त राजस्व अधिकारियों को परस्पर समन्वय स्थापित कर कार्य करने का आग्रह किया ताकि प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कानून एवं व्यवस्था प्रभा राजीव, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रोटोकाॅल विनय धीमान, उपमण्डलाधिकारी रोहडू बी.आर. शर्मा, उपमण्डलाधिकारी शिमला शहरी मंजीत शर्मा, उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण मनोज कुमार, उपमण्डलाधिकारी रामपुर सुरेन्द्र मोहन, उपमण्डलाधिकारी कुमारसैन गंुजीत सिंह चिमा, जिला राजस्व अधिकारी संत राम एवं समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।