पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं के लिए सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित हो: आरटीओ
ऊना 27 जनवरी / राजन चब्बा:
सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में महिला वर्ग के लिए सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित की जाए तथा नारी समाज के प्रति मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखा जाए। यह विचार आज सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा मासिक अभियान के तहत आईएसबीटी बस स्टैंड परिसर में आयोजित कार्यशाला में आरटीओ रमेश चन्द कटोच ने व्यक्त किये।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 59 प्रतिशत महिलाएं सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करती हैं, इसलिए यह जरूरी है कि महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान को प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा यात्रा के दौरान भी चालक, परिचालक अथवा टैक्सी चालक को उचित शिष्टाचार को अपनाते हुए महिलावर्ग के प्रति आदरपूर्ण व विवेकपूर्ण व्यवहार के साथ-साथ भद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने बताया कि बसों में महिलाओं, वृद्धों, अपंगांे व बीमार लोगों के लिए 40 प्रतिशत सीटें चिन्हित की जानी चाहिए तथा महिलाओं को आदरपूर्ण सीटें दी जाएं। यात्री वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जारी गुडि़या हेल्पलाइन नम्बर 1091 अंकित होना अनिवार्य है।
आरटीओ ने बताया कि स्कूल बसों की तरह अन्य सार्वजनिक यात्री वाहनों में भी जीपीआरएस व पैनिक बटन लगाने को अनिवार्य करने पर हिमाचल सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। यह सुविधा पुलिस कंट्रोल रूम व महिला हैल्पलाइन 1091 से सीधे तौर पर जुड़ी रहेगी ताकि समय पर पड़ने पर तुरन्त कार्यवाही की जा सके।
कार्यशाला में आरएम एचआरटीसी दर्शन सिंह तथा परवेश कुमार प्रबन्धक आईएसबीटी ने भी अपने विचार रखकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने बारे जागरुक किया गया।
इस मौके पर एमवीआई अजय कुमार ने वाहन पासिंग व ड्राइविंग लाइसेंस का ट्रायल देने आए चालकों को भी सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों बारे विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला में नवनिर्वाचित नगर परिषद अध्यक्षा पुष्पा देवी, पार्षद उर्मिला देवी व इन्दू, हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक व परिचालक, निजी बस चालक, परिचालक व मालिक, टैक्सी यूनियन चालक, मालिक, टूर एवं ट्रैवल एजैंट, आरटीए सदस्य मोहिन्द्र मनकोटिया, ऑटो रिक्शा यूनियन चालक व मालिक, परिवहन विभाग की ओर से एआरटीओ सचिन चौधरी व राजेश कौशल भी उपस्थित रहे।