मनुष्य के लिए इस संसार के लक्ष्य कठिन तो हो सकते हैं पर असंभव बिल्कुल नहीं-अतुल कृष्ण महाराज
ऊना, 08 अक्तूबर (एनएसबी न्यूज़):. मनुष्य के लिए इस संसार के लक्ष्य कठिन तो हो सकते हैं पर असंभव बिल्कुल नहीं। ईश्वर हर पल हमारा सहयोग करने के लिए तत्पर है। उक्तअमृत वचन श्रीमद् भागवत कथा के 5वें दिन मंगलवार को परमश्रद्धेय स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने सामुदायिक भवन बसोली में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि जहां इन्द्रियों की पवित्रता होती हैवहां दैवी संपदाएं निवास करने लगती हैं। संयम, सदाचार,आराधना एवं उपासना से हमें अलौकिक लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।नवरात्र का पावन पर्व पूजा, प्रार्थना, तप एवं आत्मजय के लिए प्रशस्तमाना जाता है। हमारे व्रत में यदि सतत गोपनीयता बनी हुई हैतो विलक्षण फल की प्राप्ति अवश्य होगी। उन्होंने कहा कि परमात्मा का स्मरण जीवन में समृद्धि लाता है।हमारा मन शोक, भय एवं चिन्ता से मुक्त हो जाता है। अधिक आदर कीभूख हमें क्षुद्र बना देती है। तनिक हम कल्पना करके तो देखें कियदि हवाएं बंद हो जाएं तो हमारी क्या स्थिति हो जाएगी। ईश्वर सबकुछ बांट रहा है, हमें भी जो प्राप्त है उसे बांटना सीखें। लोभहमें संग्रह एवं लालच सिखाता है, जबकि त्याग सबके लिए उदारबना देता है। जीवन एक उत्सव है। हमें प्रभु का दिया हुआ बहुतदेर तक याद नहीं रहता। तभी तो अभाव के कटोरे लेकर हम हरपल बच्चों की तरह रोते ही रहते हैं। महाराजश्री ने कहा कि देह एवं आत्मा केअस्तित्व को पहचान लेना ही वेदान्त है। अपने को शरीर मानने सेही हम दोषों से भरे रहते हैं। व्यक्ति जैसे ही अपने मूल मेंआत्मा को देखता है, दिव्यता का बोध होने लगता है। कथा मेंगोकुल में भगवान का प्राकट्य महोत्सव, पूतना उद्धार, माखनचोरी, कालिय नाग मर्दन, चीर हरण एवं श्रीगोवर्द्धन पूजा का प्रसंगसभी ने बड़ी श्रद्धा से सुना। लोगों ने कथा में अनेक मनमोहकझांकियों का भी दर्शन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या मेंश्रोताओं के अतिरिक्त अजनोली से स्वामी रामानंद जी महाराज, बसोलीपंचायत प्रधान ऊषा देवी, उप प्रधान गुरदेव सिंह, रामकुमारधीमान, ओम दत्त शर्मा ज्वार, शिव कुमार षर्मा, प्रकाश धीमान, विजयगर्ग, बाबू कर्म चंद सहित प्रमुख रूप से उपस्थितरहे। . फोटो-श्रीमद्भागवत कथा में प्रवचन करते हुए अतुल कृष्ण महारात्ज। फोटो-श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करते हुए श्रद्धालु।