नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को बनाएगी आत्मनिर्भर : सत्तीनई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर संगोष्ठी आयोजित
ऊना / 16 अक्तूबर / राजन चब्बा :
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक शतप्रतिशत सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया जा सके। यह जानकारी राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने आज डाईट देहलां में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं जिला स्तरीय शिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में प्राथमिक कक्षाओं तक की शिक्षा में मातृभाषा अथवा स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने बल दिया गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि 3 से 8 वर्ष की आयु के बीच बच्चों का अधिकतर बौद्धिक विकास हो जाता है, इसलिए इस शिक्षा नीति के तहत 3 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सरकार द्वारा नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का संकल्प लिया गया है, जबकि दूरस्थ प्रवासी क्षेत्रों में आवासीय विद्यालयों का निर्माण भी नई शिक्षा नीति में शामिल है। कक्षा छठी से व्यावसायिक शिक्षा आरंभ की जाएगी जिनमें दस दिन बैग रहित होंगे और इस दौरान प्रशिक्षण शिक्षा पर बल दिया जाएगा, जिसमें हाथों से काम करने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा नौकर बनने की अपेक्षा नौकरी देने वाले उद्यमी तैयार करना इस शिक्षा नीति का लक्ष्य है।
सतपाल सिंह सत्ती ने शिक्षा के तीनों आधार शिक्षक वर्ग, अभिभावक तथा शिक्षार्थी के सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस स्तर को ओर ऊपर उठाने का आहवान किया। उन्होंने शिक्षक एप साप्ताहिक क्विज़, ई-संवाद में जिला ऊना को प्रदेश में प्रथम स्थान पर लाने के लिए बधाई दी। इस कार्यक्रम में जिला के मीडिया कर्मियों, जिला टास्क फोर्स टीम के सदस्यों, शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा डाईट के स्टाफ के साथ चर्चा की गई। कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी सर्वशिक्षा अभियान देवेन्द्र सिंह चौहान ने परियोजना के विभिन्न आयामों के बारे में सभी को अवगत करवाया तथा शिक्षा के क्षेत्र में राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर जिला ऊना की स्थिति पर प्रकाश डाला। 4.50 लाख के सहायक उपकरण किये वितरितइस अवसर पर सतपाल सिंह सत्ती ने जिला के सात शिक्षाखण्ड समन्वयकों के माध्यम से दिव्यांगजनों को साढ़े चार लाख रूपये के सहायक उपकरण वितरित किये। जिसमें 17 व्हील चेयर, 11 सीपी चेयर, 11 रोलेटर, 34 एल्वो क्रच्च, 12 ऑग्जीलरी क्रच, 110 एमआर किट, एक ब्रेयल किट, 4 स्मार्ट केन, 60 हीयरिंग ऐड व दो ट्राइसाइकिल शामिल हैं। इसके अलावा प्रतिभागियों को फल व औषधीय पौधे भी वितरित किये गए।
उन्होंने अध्यापकों तथा समाज से आग्रह किया कि इन बच्चों के प्रति उन्हें अपना अच्छा व्यवहार सुनिश्चित करना चाहिए। इन बच्चों को अधिक से अधिक अवसर प्रदान कर हमें इन्हें समाज की मुयधारा में जोडक़र इनके उत्थान हेतू कार्य करना चाहिए।-000-