जनजातीय भवन को लेकर गरमाई राजनीती ***भाजपा अनुसूचित मोर्चा ने स्वयंभू नेताओं पर लगाया कांग्रेस का एजेंडा चलाने का आरोप
नूरपुर / 02 अक्तूबर / (पंकज )-
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा नूरपुर जिला की विशेष बैठक वीरवार को वन विभाग के नूरपुर स्थित विश्राम गृह में जिलाध्यक्ष अमित शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में वूल फेडरेशन के निदेशक सरदार सिंह सरदारी भी विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में हाल ही में नूरपुर के चिनवा में जनजातीय भवन के शिलान्यास को लेकर विपक्ष के विरोध पर कड़ी आपत्ति जताई गई।
बैठक में उपस्थित अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि कुछ तथाकथित स्वयंभू नेता कांग्रेस का एजेंडा चलाने के लिए समुदाय को बांटने की ओच्छी राजनीति कर रहे हैं। इसे गद्दी समुदाय कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जो स्वयंभू नेता प्रस्तावित जनजाति भवन के निर्माण को लेकर डींगें हांक रहे हैं, असल में उनका उक्त भवन के निर्माण में कोई योगदान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नूरपुर क्षेत्र में जनजाति भवन के निर्माण को लेकर पूर्व भाजपा सरकार में कवायद शुरू हुई थी, लेकिन 2012 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और 2017 में चुनाव से पहले जसूर में इसका शिलान्यास कर समुदाय के लोगों को लाली थमा दिया गया। जबकि इसके लिए न तो बजट का प्रावधान किया गया और न ही उपयुर्क्त स्थान का चयन हुआ। जिसके बाद मौजूदा भाजपा सरकार ने उक्त प्रस्तावित भवन के निर्माण से जुडी औपचारिकताओं को पूरा करने और बजट का प्रावधान किया गया।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रस्तावित भवन के लिए चिन्हित स्थल को जंगल एरिया बताने का खंडन करते हुए कहा कि उक्त स्थान नूरपुर नगर परिषद के वार्ड पांच से सटा हैं। जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार ने जसूर में जहां इसका शिलान्यास किया था, वह स्थान दो खड्डों के मुहानों के बीच स्थित था। यही नहीं, इससे पूर्व वर्ष1987 में यह इलाका पूर्णतः बाढ़ में जलमग्न हो गया था। बैठक में गद्दी यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पून्नू राम, मंडल अध्यक्ष नेक राम, जिला सचिव देव जरियाल, रमेश कौशल, इंदौरा के अध्यक्ष जयराम, जिला महामंत्री अंशुल चौहान, वीरेंद्र शर्मा इत्यादि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन : नूरपुर में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक के बाद पदाधिकारी सामूहिक चित्र में