December 27, 2024

सर्पदंश पर शुरुआती कुछ मिनट होते हैं बेहद अहम, झाड़-फूंक में समय न गंवाएं, तुरंत लें डॉक्टरी मदद

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*108 ऐंबुलेंस नंबर पर करें कॉल

मंडी / 11 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

सांप काटने के बाद शुरुआती कुछ मिनट बेहद अहम होते हैं। ऐसे में अस्पताल आने से पहले झाड़-फूंक के चक्कर में समय गंवाना जानलेवा साबित हो सकता है। सांप काटने पर तुरंत 108 ऐंबुलेंस नंबर पर कॉल करें। पीड़ित व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र या नागरिक चिकित्सालय में पहुंचाएं ताकि चिकित्सकों द्वारा उसे तुरन्त जीवन रक्षक उपचार दिया जा सके। 

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेन्द्र शर्मा बताते हैं कि सांप काटने की स्थिति में जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एंटी स्नेक वेमन उपलब्ध है। जोकि सभी प्रकार के सांपों के विष को मानव शरीर में खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

वे कहते हैं कि कई दफा देखने में आता है कि लोग सांप के काटने पर अस्पताल आने से पहले झाड़-फूंक के चक्कर में फंस जाते हैं। इसमें समय गुजर जाने की वजह से पीड़ित को बचाना मुश्किल हो जाता है। यह बहुत जरूरी है कि सर्पदंश के मामलों में नीम-हकीमों के झांसे में पड़ कर कीमती वक्त बर्बाद किए बिना जितना जल्दी हो सके डॉक्टरी मदद लें।

डॉ. देवेन्द्र शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक और शिक्षित करने पर जोर दे रहा है ताकि अंधविश्वास के चलते बहुमूल्य जीवन के साथ ऐसा खिलवाड़ न हो। किसी भी बिमारी या आपात स्थिति में सबसे पहले चिकित्सक से परामर्श करें और जितनी जल्दी हो सके रोगी को अपनी नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल पहुंचाया जाए। 

पीड़ित के जख्म को पानी से अच्छी तरह धोकर बीटाडीन इत्यादि यदि उपलब्ध हो तो लगा सकते हैं। मरीज को सोने मत दें, उससे बातें करते रहें व उसका मनोबल बढ़ाते रहें। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने बताया कि भारत में सांपों की 250 प्रजातियां हैं जिनमें से 50 प्रजातियां ही विषैली हैं। इनमें से पांच प्रजातियां मनुष्य के लिए बहुत खतरनाक हैं। हिमाचल प्रदेश में ब्लैक कोबरा, हिमालयन पीटर वाईपर, बाईटलिया वाईपर, कॉमन वाईपर और क्रेकट आदि प्रमुख प्रजातियां जोकि विषैले सांपों की श्रेणी में आती हैं ।

उनका कहना है कि सावधानी रखने पर सांप के काटने से बचा जा सकता है। सांप काटने के उपरान्त घाव को दिल के स्तर से नीचे रखें।  व्यक्ति को शांत रखें और हिलने डुलने न दें। घाव वाले भाग में यदि कोई ज्वेलरी है तो उसे उतार दें। घाव को पानी और साबुन से धोएं ताकि सांप के जहर के असर को कम किया जा सके।

उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप काटने की स्थिति में घबराएं नहीं। कोशिश करें जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचा जाए। चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा न दें।

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