लांबासिंगी: आंध्र प्रदेश का कश्मीर- सुश्री सतारूपा दत्ता, भारत पर्यटन, हैदराबाद
चंडीगढ़ / 8 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
भारत में, जब भी हम एक खूबसूरत स्थल के बारे में विचार करते हैं, तो हम तुरंत उसकी तुलना कश्मीर के साथ करते हैं, जिसे पृथ्वी का स्वर्ग कहा जाता है। हम आंध्रप्रदेश के इस अंजान स्थल को ऊटी के समानांतर रख सकते हैं लेकिन ऊटी में कभी बर्फबारी नहीं हुई।
हम कहां जा सकते हैं और हम किसके बारे में बात कर रहे हैं? तो आपको बता दें कि यह पूर्वी घाटों के घने जंगलों में छिपी हुई एक खूबसूरत निर्जन घाटी है और यह विशाखापत्तनम से ज्यादा दूर भी नहीं है।
विशाखापट्टनम के खूबसूरत समुद्री तटों, संग्रहालयों, उद्यानों और भोजन का आनंद लेने बहुत सारे पर्यटक आते हैं। लेकिन अगर आप आम ज़िंदगी से हटकर कुछ ढूंढ रहे हैं? तो हमारे पास इसका बेहतर समाधान है। विशाखापत्तनम से करीब 3 घंटे की दूरी पर, स्ट्रॉबेरी और कॉफी के बागानों के बीच लांबासिंगी स्थित है, जहां सर्दियों में तापमान शून्य से भी नीचे गिर जाता है। हां, आपने यह सही पढ़ा है।
हम आपको सबसे पहले विशाखापत्तनम में कुछ दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने का सुझाव देते हैं, क्योंकि लांबासिंगी पहुंचने के लिए यह सबसे सुविधाजनक जंक्शन है। विजाग यीस्टर वर्षों के वॉल्टेयर का एक भावी शहर है। विशाखापत्तनम कई एयरलाइनों के माध्यम से भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और हाँ, यहाँ तक पहुँचने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और एक प्रमुख रेलवे स्टेशन भी है। आपका मन निश्चित रूप से इस अनोखे पूर्वी तटीय शहर, इसके विभिन्न समुद्री तटों, मंदिरों, जनजातियों और वन्यजीवों की खूबसूरती को देखकर प्रफुल्लित हो उठेगा। स्वच्छ और हरित विशाखापत्तनम खूबसूरत और भव्य समुद्री तटों के साथ शहर से लेकर प्राकृतिक अभयारण्य तक, उचित एवं आरामदायक से लेकर मँहगे समृद्ध आवासीय स्थलों तक की एक संपूर्ण श्रृंखला प्रस्तुत करता है।
और अधिक की खोज में, हम आगे अराकू घाटी की ओर बढ़ेंगे। क्या आपने कभी विस्टा डोम कोच में यात्रा की है? खैर, आपके लिए यह मौका है!! विशाखापत्तनम और अराकू घाटी को जोड़ने वाली किरंडुल एक्सप्रेस में यह एक विशेष कोच है। इस कोच की छत शीशे की बनी है जो आपको आंध्रप्रदेश के घने जंगलों और सुरम्य स्थलों से गुजरते हुए वहां के शानदार प्राकृतिक दृश्यों का पूरा आनंद लेने का अवसर प्रदान करती है। क्या आप जानते हैं, यह रेल अपनी यात्रा के दौरान 46 सुरंगों से होकर गुजरती है? यात्रा के दौरान कई बार अंधेरे से होते हुए फिर से प्रकाश में आना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है!! अराकू समुद्र तल से 2990 फीट की ऊंचाई पर और विशाखापत्तनम से 123 किलोमीटर की दूरी पर है। अब, यदि आप रेल की सवारी नहीं करना चाहते हैं, तो आप मनोरम दृश्यों से भरपूर एक सड़क मार्ग भी चुन सकते हैं। यदि आप सड़क मार्ग से जा रहे हैं तो टाइडा पर रुकना ना भूलें। टाइडा में आंध्रप्रदेश पर्यटन का प्रसिद्ध वन बैल्स रिजॉर्ट भी एक सुंदर अनुभव है।
अराकू का मौसम हिल स्टेशन के नज़रिये से एकदम शानदार है। एक आरामदायक आवास पर रुकें और कुछ समय के लिए अराकू का भ्रमण करें। प्रसिद्ध बोर्रा गुफाओं के अंदर का दृष्य आपको जरूर देखना चाहिये। गुफा का नाम गुफा के शीर्ष पर एक कंदरा से प्रेरित है क्योंकि उड़िया में बोर्रा का अर्थ है छेद होता है। बोर्रा गुफाएँ परस्पर जुड़ी हुई चूना पत्थर की गुफाएँ हैं जहाँ प्राचीन काल से ही प्रकृति ने स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट्स के माध्यम से अपनी अमूर्त मूर्ति बनाई है। स्थानीय आदिवासी संस्कृति, इतिहास और जीवन शैली के विषय में जानने के लिए आदिवासी संग्रहालय का भ्रमण अवश्य करना चाहिए। यदि आप एक कैफीन अनुकरणकर्ता हैं, तो अराकू के कॉफी संग्रहालय में कुछ क्षण लिए रूकना आपके लिए जरूरी है।
अराकू से 70 किलोमीटर की दूरी पर बादलों और हरी-भरी पहाड़ियों पर लांबासिंगी स्थित है। लांबासिंगी में एक बार प्रवेश करने के बाद, आप अपने आप को स्ट्रॉबेरी और कॉफी बागानों से घिरा पाएंगे। वातावरण में ठंड का अहसास सुबह के मधुर क्षणों में सबसे अच्छी तरह से महसूस किया जा सकता है। अपने यात्रा एजेंट से लांबासिंगी में टेंट हाउसिंग की व्यवस्था का अनुरोध करें। धधकती हुई अग्नि के समीप बैठकर स्थानीय जनजातियों के द्वारा बांस में चिकन भरके पकाए गए बोंगुलो चिकन का रसास्वादन लें। अराकू के आदिवासी नृत्य धीमसा की ताल पर झूमते हुए बादलों की धुंध में घूमने का आनंद लें। लांबासिंगी के जंगलों में छोटी पगडंडियों के माध्यम से ट्रेकिंग करना न सिर्फ आपके कैमरे के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है बल्कि शहर के प्रदूषण से ग्रस्त आपके फेफड़ों के लिए यहाँ से मिलने वाली ताजी हवा के माध्यम से एक उपचार भी प्रदान करेगा। इस एकान्त मार्ग पर यूकेलिप्टस नामक वृक्षों की पंक्तियों के साथ होते हुए आप पहाड़ी की चोटी पर पहुँच जाएंगे। इसके निकट ही स्थित थंजंगी जलाशय लांबासिंगी के सौंदर्य में और चार चाँद लगाता है। शांतिपूर्ण वातावरण और निर्मल जल स्रोत जुगनुओं का एक पसंदीदा स्थल होता है। यदि आप यहाँ कुछ खरीदने के लिए खर्च करना चाहते हैं? तो स्थानीय दुकानों से वहीं की प्रामाणिक चीजें खरींदे। अराकू यात्रा के दौरा कॉफी और संरक्षित किए गए फलों को अवश्य खरीदना चाहिए। इस तरह से आप स्थानीय कॉफी, स्ट्रॉबेरी वृक्षारोपण और सेब के बागानों में भी घूमना न भूलें। स्थानीय लोगों की आजीविका को स्थायी रूप से बनाए रखने में इस माध्यम से उनका समर्थन कर सकते हैं।
लांबासिंगी की यात्रा के लिए अपने बैग पैक करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पहले से ही यहाँ ठहरने के लिए अपना आवास बुक कर लें। इसके लिए आंध्र प्रदेश पर्यटन और उनकी बुकिंग वेबसाइट से मदद लें। स्थानीय लोग भी घर में ठहरने की सुविधाओं की पेशकश देते हैं। आप अराकू में भी ठहर सकते हैं और एक दिन की यात्रा के लिए लांबासिंगी जा सकते हैं। कृपया ध्यान रखें कि ये गंतव्य जैव विविधता से समृद्ध हैं और इनकी बेहद समृद्ध आदिवासी संस्कृति भी है। इसलिए, केवल अपने बेहतर व्यवहार के अच्छे अनुभवों को यहाँ छोड़े और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील इस स्थल का पूर्ण रूप से सम्मान करें। लांबासिंगी की यात्रा का सबसे उपयुक्त समय दिसंबर और जनवरी है जब यहाँ वर्ष का सबसे ठंडा मौसम होता है। अगर आप भाग्यशाली हुए, तो हो सकता है कि आपको यहाँ कुछ बर्फबारी भी देखने को मिल सकती है!
—-सुश्री सतारूपा दत्ता, भारत पर्यटन, हैदराबाद