November 17, 2024

हिमाचल किसान सभा का दो दिवसीय विस्तारित बैठक एवं संगठनात्मक शिविर सम्पन्न

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रामपुर बुशहर, 30 सितंबर मीनाक्षी


हिमाचल किसान सभा जिला इकाई शिमला की दो दिवसीय विस्तारित बैठक एवं संगठनात्मक शिविर का रामपुर में समापन हुआ। बैठक में राज्य कमेटी से अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर, राज्य उपाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने विशेष रूप से हिस्सा लिया। शिविर का उद्घाटन करते हुए जिला अध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर ने विस्तारित बैठक के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए बताया कि अखिल भारतीय किसान कौंसिल की बैठक द्वारा तय रूपरेखा के अनुरूप पूरे देश में संगठनात्मक दुरुस्तीकरण श्रृंखला के तहत किया जा रहा है। इसके तहत किसान सभा की विभिन्न स्तरों पर कमेटियों में सदस्यों को शामिल करते हुए किसान सभा के संघर्षों, आन्दोलनों तथा संगठनात्मक प्रक्रियाओं का अवलोकन व समीक्षा की गई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि पिछले वर्षों में किसान सभा की अगुवाई में लड़े जा रहे आंदोलनों से संगठन विकास को प्राथमिकता देने की जरूरत है।राज्याध्यक्ष डॉ तंवर ने देश में किसानी के क्षेत्र में चल रहे लगातार संकट से निकलने के लिए सरकार के स्तर पर कोई ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। डॉ तंवर ने केंद्र सरकार पर किसानों के बनिस्पत बड़े उद्योगपतियों के हित साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में अम्बानी, अडानी व बाबा रामदेव सहित बड़े कारोबारियों की आमदनी में तो सैंकड़ों गुणा इज़ाफ़ा हुआ लेकिन किसान को इनकी फसलों के लाभकारी दाम नहीं मिल रहे हैं। आज सरकार किसानों को उनकी पैदावार के लाभकारी दाम देने के बजाय किसान सम्मान निधि के रूप में प्रतिदिन एक बीड़ी के बंडल के बराबर 16 रुपये 48 पैसे रिश्वत के तौर पर खाते में सीधे पैसे दे रही है। और इसके उलट किसान को कृषि उत्पादों पर मिलने वाली रियायतों को खत्म कर दिया है।उन्होंने वर्तमान सरकार का हवाला देते हुए कहा कि आज देश में आर्थिक मंदी से कई कारखानों एवं व्यवसायों पर प्रतिकूल असर पड़ा है जिससे हजारों-लाखों की संख्या में लोग अपने रोजगार को गवां रहे हैं। जबकि सरकार बुनियादी पहलुओं से जनता का ध्यान हटाकर अन्य मुद्दों की तरफ ले जा रही है।
 जिला कमेटी की भी बैठक की गई जिसमें 1 अक्तूबर को नारकंडा में सेब के मुद्दे पर धरने में किसान सभा हिस्सा लेंगी। 2 दिसम्बर को प्रत्येक खण्ड में स्थानीय मुद्दों पर चौबीस घण्टे का धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें रामपुर के दत्तनगर में दूध के मुद्दे पर 6 खंडों के किसानों द्वारा, रोहड़ू में अस्पताल में आ रही समस्याओं पर, ठियोग में बिजली,गैस, पानी व सार्वजनिक समस्याओं पर, कसुम्पटी में सब्जियों व सार्वजनिक सेवाओं की समस्याओं पर प्रदर्शन किए जाएंगे। इस बीच राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर 14 अक्तूबर को कालीबाड़ी में ग्रामीण महिलाओं का राज्य अधिवेशन तथा 15 को राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ग्रामीण महिलाओं के मुद्दों पर मांगपत्र दिया जायेगा। इसके साथ 15 अक्तूबर को खण्ड स्तर पर भी ग्रामीण महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई जिसमें सेब के मुद्दे पर संघर्ष को तेज करना, जमीन, जंगली जानवरों, आवारा पशुओं व कुत्तों की समस्या, दूध के मुद्दे पर, सब्जियों के मुद्दों पर, किन्नौर के टापरी व भावनगर में फल व सब्जी मंडी को शुरू करना, वनाधिकार कानून को प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करना आदि पर कार्ययोजना बनाई गयी। कार्यकर्ताओं को संगठन के पहलुओं पर किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने जानकारी दी तथा गांव व वार्ड स्तर पर प्राथमिक इकाईयों को मजबूत करने के टिप्स दिए। जिला सचिव देवक़ीनन्द ने जिला में संगठन की स्थिति पर तथा किसानों के आंदोलनों पर चर्चा की। इस विस्तारित बैठक व संगठनात्मक शिविर का समापन जिला के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो राजेन्द्र चौहान ने की तथा कार्यकर्ताओं से किसानों को संगठित करते हुए लगातार संघर्ष विकसित करने की अपील की। इसमें शिमला के 6 खण्डों, कुल्लू के निरमण्ड, किन्नौर जिला के किसान सभा के लगभग 60 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक मे राजेन्द्र चौहान, जय शिव ठाकुर, उषा देवी,कृष्ण प्रकाश नेगी,ओम प्रकाश भारती, प्रेम चौहान,जगदीश, दयाल सिंह,दिनेश मेहता,हेम राज,मधु, काकू,राकेश वर्मा,डोला राम,मोहर सिंह,नेक राम,शेर सिंह,हितेश हाष्टा,सुख देव चौहान,संजीव नेगी आदि थे।

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